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अवैध दारू पर बड़ी कार्रवाई, फरवरी महीने में ही 3 सस्पेंड चार को कारण बताओ नोटिस, डीजीपी की सख्त कार्रवाई,

  रायपुर, दुर्ग। असल बात न्यूज़। 0  विशेष रिपोर्ट 00 अशोक त्रिपाठी राज्य में पूर्ण शराबबंदी की बात चल रही है। दारू बेचना बंद करने की मांग हो...

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 रायपुर, दुर्ग। असल बात न्यूज़।

0  विशेष रिपोर्ट

00 अशोक त्रिपाठी

राज्य में पूर्ण शराबबंदी की बात चल रही है। दारू बेचना बंद करने की मांग हो रही है। ऐसे में अवैध दारू बिकने की खबर लोगों को बेचैन कर देने वाली होती है। जो लोग दारू बंद कराने की मुहिम में लगे हुए हैं वे सब अवैध दारू से कितने विचलित होते हैं, आक्रोशित होते हैं इसे समझा जा सकता है। इसकी कल्पना की जा सकती है।

अवैध दारू के खिलाफ  राज्य सरकार, संभवत: इस समय बहुत सख्त है। पुलिस विभाग के अधिकारियों को चेताया गया था कि उनके इलाके में अवैध दारू का जखीरा पकड़ा गया तो उस थाना क्षेत्र के टीआई सहित अन्य संबंधित अधिकारियों पर  कार्रवाई की जाएगी। नगर पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक तक के स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। इस चेतावनी का कितना असर पड़ा यह तो नहीं मालूम लेकिन यह तो दिख रहा है कि अभी भी कई जिलों में अवैध दारू की आवक हो रही है और उसमें से थोड़ी बहुत दारू पकड़ी भी जा रही है।कल ही रायगढ़ जिले में लाखों रुपए की अवैध रूप से  लाई गई दारू पकड़ी गई।इस मामले में भी क्षेत्र के उप निरीक्षक और सहायक उप निरीक्षक को निलंबित करने के साथ दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस थमाया गया है।

राज्य में अवैध दारू के चलते फरवरी महीने के 15 दिनों में ही 3 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है तथा चार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस थमाया गया है। कड़ी कार्रवाई की जा रही है।राज्य के पुलिस महानिदेशक ने पहले ही चेताया है कि ऐसे मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोई रियायत नहीं बरती जाएगी।आम लोग पुलिस विभाग के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होते देख रहे हैं । ऐसी कार्रवाई से निश्चित तौर पर पर लोगों में खुशी भी है। आम जनता के बीच एक अच्छा मैसेज आ रहा है। यह मैसेज जा रहा है कि अपने कर्तव्य का समुचित तरीके से निर्वहन नहीं करने पर पुलिस विभाग के अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। कर्तव्य का पालन करने में लापरवाही करने से पुलिस विभाग के अधिकारी भी बच नहीं सकते। उन पर भी कार्रवाई होगी। वैसे कर्तव्यों का शत प्रतिशत  पालन करने की उम्मीद अब बहुत अधिक नहीं की जाती है।लोग इसमें ही संतोष कर लेते हैं कि जिस को जिम्मेदारी मिली है जिसके पास अधिकार हैं वह कुछ काम तो कर दे। नहीं तो जिम्मेदारी संभालने लोग वाले लोग ज्यादातर आंख मुझे बैठे रहते हैं। अगर  उन्हें ऊपर से डटियाया नहीं जाता तब तक  उन्हें कुछ नजर नहीं आता।   डटियाए  बिना  उन्हें समझ नहीं आता कि उन्हें कुछ करना भी है, उनकी कुछ ड्यूटी भी है, उनके कुछ कर्तव्य भी हैं।लोगों को यह देख कर अच्छा लग रहा है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक इस समय कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ अत्यंत सख्त हैं। वे ऐसे  गंभीर मामलों में कोई उदारता नहीं बरत रहे हैं।उन्होंने अभी पुलिसकर्मयों के परिवार वालों की समस्याओं के मामले में अत्यंत संवेदनशील होकर उनके कल्याण के लिए, हित के लिए कदम उठाए हैं, निर्णय लिए हैं। और अब उन्हें अपराधों की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाते,निर्णय  लेते देख कर वास्तव में अच्छा लग रहा है।अभी तो लोगों में शराब दुकानों में ही, शराब बिकते देखकर ही नाराजगी है ना खुशी है। अवैध दारू 10 तरह के अपराधों को जन्म दे रही है। खबरें तो यहां तक आती है कि अवैध दारू बेचने के लिए क्षेत्र का ठेका होता है।जिसको जिस क्षेत्र में अवैध दारू बेचने का ठेका मिल जाता है वही वहां उसे बेच सकता है। दूसरे ने बेचने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो जाती है। हालात ऐसे हैं। यह सब कुछ कंसर्ट करता है किसी को पता नहीं चलता। लेकिन होता ऐसे सब के नियंत्रण के बीच ही है। दारू बेचने वालों के पंडे और डंडे जब देखो जहां तहां चलने लगते हैं।लोगों को समझ नहीं आता कि दारू बेचने वालों को इतनी शक्ति, ताकत कहां से मिल जाती है।कहा जाता है कि इस धंधे का जो पैसा बटता है,वहीं इसे ताकत व शक्ति प्रदान करता है। तब ऐसे मामलों में सख्ती बरतना कितना कठिन हो जाता है इसे समझा जा सकता है।

हर जगह लीपापोती की जाएगी, कड़े निर्णय ले लिए जाएंगे, तो किसी समस्या का हल निकल पाना काफी मुश्किल हो जाता है। विपरीत परिस्थितियों में कई बार समस्या नासूर बन जाती है तब उससे निपट पाना असंभव जैसा हो जाता है। अवैध दारू की बिक्री को रोक पाना भी आसान नहीं है।अवैध दारू बेचने वालों पर कार्रवाई, पीने वालों पर कार्रवाई और पुलिस वालों पर कार्रवाई के बावजूद भी यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि अवैध रूप से  दारू लाने और बेचने का काम राज्य में बिल्कुल बंद हो गया है। असल में इस अवैध काम में बड़े-बड़े सफेदपोश माफिया और पूंजीपति जुड़े और लगे हुए हैं और इस धंधे से मोटी कमाई करना चाहते हैं। इस धंधे में  थोड़ी सी सेटिंग से पानी के पैसे से लाखों- करोड़ रुपए कमा लिया जाता है। दारू तो दारू ही है। दारू दुकान के बगल चखना बेचने वाले कितनी मोटी कमाई कर रहे हैं अभी सबको मालूम है। और दारू दुकान के बगल चखना केंद्र खोलने के लिए कितनी जोड़-तोड़ करनी पड़ती है, कहां-कहां से सिफारिशें करवानी पड़ती है और इसके बाद ही कितनी मशक्कत करनी पड़ती है ? और चखना सेंटर से कितनी वसूली हो रही है  ? यह सब चीज उजागर हो गए है और आम लोगों को सब कुछ मालूम चल रहा है। अभी तो छत्तीसगढ़ राज्य में  चखना सेंटर लेने के लिए कितनी सिर फुटौव्वल की स्थिति है यह दिख रहा है। लोग मारकाट तक पर उतारू हो रहे हैं।

यह अच्छी बात है कि  कर्तव्य पालन में लापरवाही करने के मामले में सिर्फ छोटे इलाकों में ही पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है वरन राजधानी रायपुर तथा दूसरे इलाकों में भी कार्रवाई हो रही है। इससे भी लोग संतोष कर सकते हैं। दूसरी तरफ यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है कि सिर्फ 15 दिनों के भीतर राज्य में पुलिस विभाग के 5 लोगों पर निलंबन की कार्रवाई हुई है तो क्या इससे दूसरे लोग सबक लेंगे। कुछ चेतेंगे कि विभाग में आगे ऐसी कार्रवाई ना करना पड़े। फिलहाल ऐसा लगता तो नहीं है। दारू के धंधे के पैसे की खनक और चमक ही कुछ ऐसी है कि वह बरगला कर कुछ इधर-उधर कर लेने के प्रेरित करती नजर आती है।हतोत्साहित नहीं होने देती।  रायगढ़ में अवैध रूप से जो दारू लाई गई उसकी कीमत कितनी थी, उसकी मात्रा कितनी थी, उसे भी एक नजर में देख लीजिए।यहां अवैध रूप से लाई गई जो दारू पकड़ी गई हैं वह झारखंड और उड़ीसा राज्य में बिकने वाली दारू है।झारखण्ड राज्य में बिकने वाली प्लास्टिक बोतलों में भरी 222 नग ब्लैक रॉक व्हीस्की की 18 पेटियां बरामद हुई है और ओडिसा राज्य की 08 बोतल रॉयल स्टेग व्हीस्की, 12 बोतल और 54 पाव मेक्डॉवल नं. वन, 42 पाव इम्पीरियल ब्लू व्हीस्की के जप्त की गई देशी प्लेन और अंग्रेजी शराब के विभिन्न ब्राण्ड के 21000 नये ढक्कन और 1000 खाली शीशियां बरामद किए गए। इस बरामदगी से अभी पता चलता है कि यहां बोतलों में दारु को भरने उसमें मिलावट करने उसे अधिक मात्रा में बनाने का काम भी किया जाता। प्रकरण में जप्त लगभग 200 लीटर शराब का बाजार मूल्य दो लाख रूपये आंकी गई है। मतलब लाखों रुपए की दारू जट दी गई है। जानकार लोग बताते हैं कि इस दारू से लाखों रुपए की दारू बनाई जाती है और उसे बेचा जाता।यह आशंका भी बिल्कुल जायज है कि ऐसी अवैध  दारू, सिर्फ रायगढ़ में ही नहीं राज्य  के दूसरे कई शहरों और गांवो  तक पहुंचाई जा रही है ले जाई जा रही है।।

राज्य के पुलिस महानिदेशक ऐसी परिस्थितियों में आम जनता की तरफ से ऐसी कड़ी कार्रवाई के लिए बधाई के पात्र हैं।लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अपराध होने पर, कर्तव्यों के पालन  में लापरवाही होने पर ऐसी कार्यवाहीओं का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।