भिलाई । असल बात न्यूज़।

भिलाई वैसे तो औद्योगिक शहर है और एजुकेशन हब के रूप में भी इसकी पहचान है। यहां अभी शहरी गौठान योजना ने भी पूरे प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाई है। गोधन न्याय योजना के तहत यहां बड़े पैमाने पर गोबर की खरीदी की गई है। वहीं अभी गोबर से विभिन्न उत्पाद तैयार कर महिलाओं की आमदनी बढ़ाने का काम शुरू किया गया है।

 दिए के त्यौहार  दीप पर्व में अब कुछ ही दिन बचे है और पूरा परिवेश त्यौहारमय हो चुका है। दियो से दीपोत्सव  में घरों को दियों से रोशन किये जाने की पुरानी परंपरा है।इस साल दीपावली का त्यौहार जहां एक ओर ढेरों खुशियां लेकर आया है वहीं कई लोगों को यह रोजगार और आमदनी बढ़ाने के अवसर भी उपलब्ध करा रहा है।

भिलाई नगर निगम के जोन 4 में गोबर खरीदी केंद्र बनाया गया है। यहां बड़े पैमाने पर गोबर की खरीदी हुई है।जोन चार के आयुक्त अमिताभ शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस गोबर से बड़े पैमाने पर यहां वर्मी कंपोस्ट तो बनाया ही जा रहा है। इससे महिलाओं की आमदनी बढ़ाने उन्हें रोजगार भी मुहैया कराया जा रहा है। यहां विभिन्न स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ 100 से अधिक महिलाएं  गोबर एवं मिट्टी के दीये तैयार कर रही हैं। बाजार में कृत्रिम दीयों से इतर मिट्टी के बने दीयों की काफी मांग है जिससे महिलाओं को अच्छी आय प्राप्त होने की संभावना है। शासन के बहुआयामी गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठान में खरीदे गये गोबर का उपयोग खाद बनाने के साथ ही महिलाएं दीये बनाने में कर रही हैं। महिलाएं दीयों को विभिन्न रंगों में रंगने के साथ-साथ उनमें कलात्मक डिजाइन भी दे रही हैं। जिससे दीये और भी आकर्षक लगते हंै। यहां महिलाएं गोबर के कुल 2 लाख  दीये तैयार कर रही हैं। 

 दीपावली में गोबर एवं मिट्टी के दीये का विशेष महत्व हैलोग मिट्टी के दीयों से घर-आंगन रोशन करते है जिससे इसकी काफी मांग रहती है। श्री शर्मा ने बताया कि महिलाओं के द्वारा तैयार आकर्षक दीयों को बेचने के लिए शहर के प्रमुख व्यवसायिक  स्थलों पर स्टाल लगाए जा रहे हैं और वहां दियो की प्रदर्शनी लगाई जा रही है। संभावना है कि इन आकर्षक स्टालों में दियो  की अच्छी खासी बिक्री हो जाएगी।