Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्म भोजन आरंभ

   बच्चों को केंद्र में भेजना अभिभावकों की स्वेच्छा पर, जो आंगनबाड़ी केंद्र नहीं आएंगे ऐसे बच्चों के घर भेजा जाएगा रेडी-टू-ईट फूड दुर्ग, । अस...

Also Read

  

बच्चों को केंद्र में भेजना अभिभावकों की स्वेच्छा पर, जो आंगनबाड़ी केंद्र नहीं आएंगे ऐसे बच्चों के घर भेजा जाएगा रेडी-टू-ईट फूड

दुर्ग, । असल बात न्यूज़।

जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में आज से 3 से 6 साल के बच्चों और गर्भवती माताओं के लिए गर्म भोजन की शुरूआत हुई। यह व्यवस्था उन शिशुओं के लिए की गई है जिनके अभिभावक उन्हें स्वेच्छा से आंगनबाड़ी भेज रहे हैं। जो अभिभावक अपने बच्चों को आंगनबाड़ी भेजने को उत्सुक नहीं हैं। उन्हें पहले की तरह ही रेडी-टू-ईट फूड का वितरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सुपोषण अभियान के लक्ष्यों को प्राप्त करने शासन द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी किये गए हैं। इस संबंध में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने जिले की सभी आंगनबाड़ियों में मुकम्मल व्यवस्था के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिये थे। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि आज से आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्म भोजन निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया गया। बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र भेजे या नहीं, यह निर्णय पूरी तरह अभिभावकों की स्वेच्छा पर रखा गया। श्री जैन ने बताया कि व्यवस्था की मानिटरिंग के लिए आज सभी परियोजना अधिकारियों को विभिन्न केंद्रों के निरीक्षण के निर्देश दिये गए थे। 



उन्होंने बताया कि वे दुर्ग ग्रामीण परियोजना के आंगनबाड़ी केंद्र तिरगा पहुंचे। यहां उन्होंने पूरी व्यवस्था का निरीक्षण किया। पूर्व में भी आंगनबाड़ी को सैनिटाइज किया गया था। आज भी यहां साफसफाई की गई। बच्चों का हाथ साबुन में धुलाया गया। फिर गर्म भोजन कराया गया। श्री जैन ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। जैसे तिरगा केंद्र में 28 बच्चे हैं तो तीन बैच बनाई गई और आधे घंटे का गेप दिया गया। आधे घंटे के अंतर में बच्चों ने खाना खाया। एक बैच फ्री हो गया तो दूसरे बैच को बिठा दिया गया। इससे सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने में सहयोग मिला। इसी प्रकार सभी केंद्रों में किया गया। शाम तक सभी केंद्रों से जानकारी ली गई। सभी जगहों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बच्चों और गर्भवती माताओं को उत्साह से भोजन कराया। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन का भी पूरा ध्यान रखा। सभी जगहों पर सुपरवाइजर एवं परियोजना अधिकारियों ने इसकी मानिटरिंग भी की। श्री जैन ने बताया कि बच्चों को भेजना पूरी तरह से अभिभावकों की स्वेच्छा पर था। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा रुचि दिखाई। कोरोना संक्रमण की वजह से शहरी क्षेत्रों में अभिभावकों ने कम रुचि दिखाई। उन्होंने बताया कि तिरगा जहां वे निरीक्षण के लिए पहुंचे। वहां सरपंच ने कहा कि सैनिटाइजेशन किया गया है और बच्चों की सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है और शासन की इतनी अच्छी योजना सुपोषण को लेकर है तो गांव के मुखिया होने के नाते पहल मेरी ओर से भी होनी चाहिए। मेरी नातिन भी केंद्र में जाएगी। उल्लेखनीय है कि लाकडाउन के मौके पर भी जिले में सुपोषण अभियान निरंतर जारी रहा और लगभग 90 हजार लोगों को रेडी टू ईट फूड पहुंचाया गया। श्री जैन ने बताया कि अब भी जो अभिभावक अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र नहीं भेजेंगे, उनके लिए रेडी-टू-ईट फूड भेजा जाएगा।