विराट कोहली और गौतम गंभीर के बीच मैदान पर हुई लड़ाई ने पूर्व क्रिकेटरों को आगबबूला कर दिया है. एक ओर जहां सुनील गावस्कर ने दोनों को लताड...
विराट कोहली और गौतम गंभीर के बीच मैदान पर हुई लड़ाई ने पूर्व क्रिकेटरों को आगबबूला कर दिया है. एक ओर जहां सुनील गावस्कर ने दोनों को लताड़ लगाई है और कहा है कि दोनों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए थे तो वहीं दूसरी ओर पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने दोनों पर बैन लगाने की बात कह दी है. CRICBUZZ के साथ बात करते हुए सहवाग ने दोनों को फटकार लगाई और कहा कि मेरे बच्चे भी मैच देखते हैं और 'बेन स्टोक्स' का मतलब समझ सकते हैं.
सहवाग ने गंभीर और कोहली के बीच हुई बहसबाजी पर अपनी राय दी और कड़े शब्दों में निंदा की है. सहवाग ने कहा, 'मैच खत्म होते ही मैंने टीवी बंद कर दिया, मैच के बाद क्या हुआ मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. अगले दिन जब मैं उठा तो सोशल मीडिया पर काफी बवाल देखा. जो हुआ वह ठीक नहीं था. हारने वाले को चुपचाप हार मान लेनी चाहिए और चले जाना चाहिए और जीतने वाली टीम को जश्न मनाना चाहिए'.
सहवाग ने आगे कहा कि, ' उन्हें एक-दूसरे से कुछ कहने की जरूरत क्यों पड़ी.. मैं हमेशा एक बात कहता हूं कि ये लोग देश के आइकॉन हैं. अगर वे कुछ करते या कहते हैं, तो लाखों बच्चे उन्हें फॉलो करते हैं और शायद सोचते हैं कि 'अगर मेरे आइकन ने ऐसा किया है, तो मैं भी करूंगा', इसलिए अगर वे इन बातों को ध्यान में रखेंगे तो ऐसी घटनाओं को मैदान पर नहीं होने देंगे.'
इसके अलावा सहवाग ने बीसीसीआई से ऐसे बवाल को अंजाम देने पर कड़ी से कड़ी सजा देने की अपील भी की है. सहवाग ने कहा, 'अगर बीसीसीआई किसी पर बैन लगाने का फैसला करता है तो शायद ऐसी घटनाएं कभी-कभार ही होंगी या बिल्कुल भी नहीं होंगी. इस तरह की घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप ड्रेसिंग रूम के नियंत्रित माहौल में जो चाहें करें..'
पूर्व क्रिकेटर ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा, 'जब आप मैदान पर होते हैं तो ये चीजें अच्छी नहीं लगतीं.. मेरे अपने बच्चे लिप-रीड कर सकते हैं और वे 'बेन स्टोक्स' को अच्छी तरह समझते हैं, इसलिए मुझे बुरा लगता है. यदि आप ऐसी बातें कह रहे हैं, यदि मेरे बच्चे इसे पढ़ सकते हैं, तो दूसरे भी पढ़ सकते हैं और कल वे सोचेंगे कि यदि वे (कोहली और गंभीर) ऐसा कह सकते हैं, तो मैं भी कर सकता हूं..'
बता
दे ंकि दोनों के बीच हुई बहस के बाद बीसीसीआई ने दोनों पर 100 % मैच फीस का
जुर्माना लगाया तो वहीं नवीन ुल हक पर 50 % का जुर्माना लगा था. लेकिन
पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट पंडित इससे भी कड़ी सजा की मांग करते हुए
बयानबाजी कर रहे हैं.