नेशनल लोक अदालत 13 मई को,, 6 हजार मामलों में होगी सुनवाई

 

दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।।   

दुर्ग जिले में आगामी 13 मई को नेशनल लोक अदालत लगाई जा रही है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई-दिल्ली एवं छ0ग0राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार आयोजित हो रही वर्ष 2023 की द्वितीय ’’नेशनल लोक अदालत’’ में लगभग 6000 मामलों में सुनवाई होगी तथा इनके निराकरण की संभावना है। इसकी अदालत, जिला न्यायालय  दुर्ग, परिवार न्यायालय, दुर्ग, श्रम न्यायालय  दुर्ग, स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएं) दुर्ग तथा किशोर न्याय  बोर्ड, या तहसील न्यायालय  भिलाई-3, पाटन में आयोजित की जावेगी। उल्लेखनीय है कि नेशनल लोक अदालत में निराकृत किए गए मामलों में आगे अपील नहीं होती है।


 नेशनल लोक अदालत में वे मामले जोकि अपने अंतिम चरण में है जिसके तहत आपसी राजीनामाय,  आपराधिक मामलें, सिविल मामलें, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण से संबंधित मामलें, परिवार न्यायालय  में पारिवारिक विवाद के प्रकरण, श्रम न्यायालय  डीएस प्रकरण, अल्फाकेय  संस्था/विद्युत/दूरसंचार एवं नगर निगम के बकाया राशि के संबंध में संबंधित विभाग द्वारा न्यायालय  में प्रकरण प्रस्तुत किये जाने के पूर्व ’’प्री-लिटिगेशन’’ प्रकरण के कुल 4000 से अधिक मामलें सुनवाई हेतु रखे गये है। वहीं संबंधित चिन्हांकित वरखे गये मामलों के नेशनल लोक अदालत की तिथि में अधिकाधिक संख्या में निराकरण किये जाने न्यायालय  के पीठासीन अधिकारीगणद्वारा नियमित रूप से पक्षकारों के मध्य  प्री-सीटिंग/बैठक का आयोजन अधिक संख्या में किय 


दिनांक 13 मई 2023 को आयोजित होने व्ज्ञशनल लोक अदालत में चिन्हांकित कर रखे गये मामलों की सुनवाई हेतु जिला न्यायालय  दुर्ग परिवार न्यायालय  दुर्ग, तहसील  यूयकेयकेय  भिलाई-3 पाटन एवं किशोर न्याय  बोर्ड, जनोपय ोगी सेवा से संबंधित स्थाय ी लोक अदालत (जनो.से.) तथा श्रम न्यायालय  के कुल 32 खण्डपीठ का गठन माननीय  जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग के निर्देशानुसार गठित कियागया है। संबंधित गठित खण्डपीठ में नेशनल लोक अदालत की तिथि में प्रकरणों की सुनवाई/ निराकरणप क्षकारों के मध्य  सौहाद्रपूर्ण वातावरण में आपसी सहमति/राजीनामा के आधार पर किये जाय ध्केडी ला ख्यके एसा लकफध्केआर एएसएफबीआर ख्केण् मीचबी/यूयकेयकेय  में उपस्थित रहें और लोक अदालत के माध्यम से अपने मामलों का निराकरण कर समय  ओए वीयूय  कठिनाइयों से बचे कयोंकि नेशनल लोक अदालत में प्रकरण के सौहाद्रपूर्ण वातावरण में पक्षकारों के मध्य विवाद का निपटारा आपसी सहमति/राजीनामा से होने के कारण उक्त निराकृत मामलों की अपील भी नहीं होती है।