विधि का उल्लंघन करने वाले बालक को धारा 376 के अपराध में 10 साल कारावास की सजा, व्यस्क होने पर आगे की सजा केंद्रीय जेल में भुगताने का आदेश

 रायपुर ।

असल बात न्यूज़ ।।    

     00  विधि संवाददाता।   

विधि का उल्लंघन करने वाले बालक को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) झ का अपराध सिद्ध होने पर 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। वह अभी बाल संप्रेक्षण गृह माना कैंप रायपुर में निरुद्ध है। व्यस्क हो जाने पर उसे आगे की सजा केंद्रीय कारागार में भुगताई जाएगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पास्को फास्टट्रैक विशेष न्यायालय रायपुर राकेश कुमार सोम के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। न्यायालय ने पीड़िता को शारीरिक मानसिक हानि और पुनर्वास हेतु प्रतिकर दिलाना उचित माना है तथा ₹5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति दिलाने की अनुशंसा की है। 

यह प्रकरण रायपुर जिले के थाना तिल्दा नेवरा के अंतर्गत का 27 मई 2018 का है। जिसमें न्यायालय का फैसला अब आ गया है। अभियोजन के अनुसार प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि घटना दिनांक को पीड़िता,विधि के साथ संघर्षरत किशोर के यहां खेलने गई थी। इसी दौरान पीड़िता के साथ कृकृत्य किया। मामले में पीड़िता के पिता ने घटना की जानकारी मिलने के बाद थाने में उसी दिन रिपोर्ट दर्ज कराई।

न्यायालय द्वारा विधि के साथ संघर्षरत किशोर को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4 की दोषसिद्धि हेतु प्रथक से दंडित नहीं किया गया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2)झ में दंडित किया गया है। न्यायालय ने विधि के साथ संघर्षरत किशोर को बालकों का देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा (19) तीन के तहत 21 वर्ष की आयु का होने तक प्लेस आफ  सेफ्टी में रखे जाने तथा कौशल विकास के कार्य में लगाने का आदेश भी दिया है। 



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