Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

दूर-दूर से विभिन्न समाज के लोगों के बेमेतरा पहुंचने की खबर, ऐसे संवेदनशील हालात को बनने से रोकने समस्या के जड़ को समझने की जरूरत , धारा 144 लागू लेकिन स्थानीय ग्रामीणों में भय भी

  रायपुर, बेमेतरा।  असल बात न्यूज़।।    धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य के एक छोटे से शांतिप्रिय, सरल, भोले-भाले ग्रामीणों के गां...

Also Read

 रायपुर, बेमेतरा।

 असल बात न्यूज़।।   

धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य के एक छोटे से शांतिप्रिय, सरल, भोले-भाले ग्रामीणों के गांव में कानून व्यवस्था बनाने, अशांति को रोकने कश्मीर जैसे प्रदेश में उत्पातियों को नियंत्रित करने के लिए उठाए जाने वाले कदम की तरह इंटरनेट कनेक्शन बंद करना पड़ा है और  बेमेतरा जिले का बिरनपुर नामक यह गांव अभी छावनी में तब्दील दिख रहा है। गांव के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं।यहां,आज की सुबह, अन्य दिनों से कुछ अलग है क्योंकि यहां कल की घटना के बाद से काफी गहमागहमी मची हुई है,और ग्रामीणों के बीच शंका कुशंकाओं के साथ तरह-तरह की चर्चाएं होती दिख रही है । शासन प्रशासन के द्वारा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कल से जो सख्त कदम उठाए गए हैं उसके बाद से यहां स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में दिख रही है। घटना की मुख्य वजह लव जिहाद को ही माना जा रहा है जिसके बाद से गांव में तनाव बढ़ता गया। इन घटनाओं के चलते  गांव के लोगों में काफी पहले से आक्रोश व्याप्त होने की जानकारी सामने आई है। कहा जा रहा है कि असल में इस नाराजगी को पहले से समझा नहीं गया और विवाद बढ़ता चला गया जो कि  कल के खूनी संघर्ष में परिवर्तित हो गया। छत्तीसगढ़ राज्य में भी समुदाय के लोगों के बीच तनाव बढ़ने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इसके पीछे मुख्य तौर पर लव जिहाद जैसे ही कारण सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि बिरनपुर की घटना के बाद कुछ समाज के लोगों ने  यहां दूसरे समाज की लड़कियों से शादियां कर लेने वाले लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड और वे लोग यहां कब से आकर बस गए हैं की भी जांच करने की मांग उठाई है। यह भी खबर आ रही है कि विभिन्न समाज के लोग सैकड़ों की संख्या में आजकल में बेमेतरा पहुंच रहे हैं। 

बिरनपुर गांव की घटना अत्यंत संवेदनशील, समाज के लोगों को प्रभावित करने वाली गंभीरतम घटना है जिसे छोटी सी बात थी जो खूनी संघर्ष में कैसे बदल गई पता नहीं के जैसा सवाल उठाकर हल्के में नहीं लिया जा सकता। वास्तव में ऐसी घटनाओं के वास्तविक कारणों, सामाजिक परिस्थितियों, समाज पर प्रतिकूल असर डालने वाले तत्वों को समझना होगा, तभी इनका स्थाई ठोस हल निकल सकता है। जो दिख रहा है उसके अनुसार यह दो तीन चार लोगों के बीच आपसी रंजिश के चलते हुई मामूली घटना नहीं है एक-दो, लोग नहीं, एक-दो, परिवार नहीं, पूरे गांव में फैले आक्रोश के फलस्वरूप हुई घटना नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि ग्रामीणों के मन में भरा आक्रोश फूट पड़ा और इस तरह के खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया। हालात कितने गंभीर हो गए थे लोगों में कितनी अधिक उत्तेजना फैल गई थी, इसे इससे भी समझा जा सकता है कि वहां कानून व्यवस्था बनाने पुलिस पहुंची, सुरक्षा बल के जवान पहुंचे, तो उन पर भी हमला कर दिया गया। बताया जा रहा है कि उत्पातियों की भीड़ ने दहशत फैलाने के उद्देश्य से ही एक 22 साल के युवक पर जानलेवा हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई । इसके बाद से एक शांतिप्रिय गांव में ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया और अब उसकी खबर दूर-दूर तक पहुंच गई है। ऐसी जब घटनाएं होती हैं तो समाज, परिवार को प्रभावित करने वाले कृत्यों, हरकतों,अपराध को रोकने के लिए हमारे पास जो व्यवस्था है वह कितनी कारगर है इस पर सवाल उठने लगता है। 

घटना में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अपनी टीम के साथ साजा के एसआई बी आर ठाकुर जब वहां पहुंचे तो उत्पतियों ने उन पर भी हमला कर दिया। कई वाहनों को भी आग लगा देने की खबर है। ताजा जानकारी के अनुसार मामले में अभी तक 11 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है। जिले के कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा एसपी आई कल्याण उसी इलाके में बने हुए हैं और इसकी पर लगातार नजर रख रहे हैं। कहा जा रहा है कि एक युवक की मौत और कई लोगों के घायल हो जाने से स्थिति लगातार नाजुक बनी हुई है। आज दूर-दूर के स्थानों से विभिन्न समाज के लोगों के वहां पहुंचे की तैयारी है। 

छत्तीसगढ़ राज्य में यह चुनावी वर्ष है। और कुछ शक्तियां ऐसी घटनाओं का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर सकती हैं और इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इसके लिए माहौल को बिगाड़ जाने की भी आशंका है। ऐसी आशंकाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता लेकिन अभी जो गांव गांव में सामाजिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो जा रही है बिरनपुर के जैसी घटनाओं को रोकने इस संवेदनशील समस्या से निपटने के लिए भी ठोस उपाय जरूरी है। किसी समाज के लोगों के द्वारा बहला-फुसलाकर दूसरे समाज की युवतियों से शादी कर ली जाएगी तो उससे आक्रोश पनपने और फैलना तो स्वाभाविक है। और ऐसी घटनाएं जब लगातार बढ़ती जाए तो यह आक्रोश जहर में तब्दील होने लगता है। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग सब यहां शांति बुढ़वा के जीवन पर चेक कर रहे थे लेकिन समाज पर प्रहार होने वाली घटनाए होने लगी तो वह असहनीय हो गया। और यह खूनी संघर्ष होने की घटना सामने आई है।