MP में Seasonal Influenza का अलर्ट: रोकथाम और नियंत्रण के लिए भारत सरकार की गाइडलान का करें पालन

 


 भोपाल। मध्यप्रदेश में सीजनल इन्फ्लूएंजा (H1, N1, H3, N2) की रोकथाम और नियंत्रण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया है। सीजनल इन्फ्लूएंजा वेरिएंट के संबंध में भारत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करना होगा। इस लेकर स्वास्थ्य आयुक्त डॉ सुदाम खाड़े (sudam khade) ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सिविल सर्जन को निर्देश जारी किया है।

डॉ. सुदाम खाड़े ने कहा कि सभी फ्लू प्रकरणों और सीजनल इन्फ्लूएंजा वेरिएंट (Seasonal influenza) की शंका होने पर तुरंत जांच कराएं। ओसल्टामिविर (टेमीफ्लू) शुरू की जाए। जिन स्थानों से एक्यूट रिस्पायरेट्री इन्फेक्शन के अधिक प्रकरण आ रहे हैं, उन स्थानों पर रेपिड रिस्पांस टीम भेज कर सर्वे कराया जाए। छोटे बच्चे, बूढ़े व्यक्ति और कोमॉर्विडिटी रोगों से पीड़ित लोग अधिक सतर्क रहें।

जिला टास्क फोर्स की बैठक कर जरूरी दवाइयां-उपकरण और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। साथ ही कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के टीकाकरण कव्हरेज का परीक्षण भी करें। सीजनल इन्फ्लूएंजा के सभी सी-केटेग्री के रोगियों के निदान के लिये थ्रोट स्वाब सेंपल चिन्हित लेब में भेजा जाएं।

इन रोगों के फैलने को सीमित करने के लिए श्वसन और हाथ की स्वच्छता के पालन के बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। जैसे खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को एक टीशू पेपर, कोहनी से ढकना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचना, भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क का उपयोग करना और बार-बार हाथ धोना आदि। लक्षणों की शुरूआती सूचना देने और उन लोगों के संपर्क को सीमित करना जो श्वास की बीमारी से पीड़ित हैं।

स्वास्थ्य आयुक्त ने कहा कि इन्फ्लूएंजा वायरस (एच एन. एचएन2) के उपचार रोकथाम और नियंत्रण के लिये प्रचार-प्रसार और लोगों को जागरूक किया जाए। पर्याप्त संख्या में सैंपल परीक्षण किया जाए। जरूरी दवाइयों का भंडारण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए है।