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पास्को एक्ट की धारा 17 के अपराध में दोष सिद्ध होने पर तीन अभियुक्तों को 20-20 साल का सश्रम कारावास

  दुर्ग। असल बात न्यूज़।।   लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 17 के तहत अपराध सिद्ध होने पर तीन अभियुक्तों को न्यायाल...

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दुर्ग।

असल बात न्यूज़।।  

लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 17 के तहत अपराध सिद्ध होने पर तीन अभियुक्तों को न्यायालय ने 20-20 साल के सश्रम कारावास  की सजा सुनाई है। अभियुक्तों में मुख्य आरोपी के साथ उसके वृद्ध माता-पिता शामिल हैं। माता पिता पर अपराध जानते हुए भी आरोपी को संरक्षण देने तथा अपराध को लोप करने की कोशिश करने का आरोप है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट विशेष न्यायाधीश श्रीमती सरिता दास के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। न्यायालय ने पीड़िता को क्षतिपूर्ति योजना के तहत प्रतिकर अभी निर्मित करने की सिफारिश भी की है। मुख्य आरोपी की उम्र 23 वर्ष है, वह घटना के बाद से लगातार जेल में निरुद्ध है। 

यह घटना आरक्षी केंद्र जामुल जिला दुर्ग की है। इस मामले में लगभग डेढ़ साल के भीतर न्यायालय का फैसला आ गया है।अभियोजन के अनुसार प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि पीड़िता प्रार्थना के द्वारा स्वयं थाने में उपस्थित होकर लिखित में शिकायत की गई थी कि उसकी उम्र 16 वर्ष है तथा उसके मोहल्ले में ही रहने वाले लड़के से उसकी मई 2020 में जान पहचान हुई थी तथा दोनों आपस में मोबाइल से बातचीत करते थे और एक दूसरे से मिलते जुलते थे। 27 जनवरी 2021 को आरोपी से शादी करने के लिए उसके मोटरसाइकिल में बैठकर डूंगरगढ़ गई और नीचे मंदिर में आरोपी ने उसके मांग में सिंदूर भर कर शादी कर ली। बाद में आरोपी हम दोनों पति-पत्नी होगा हैं बोलकर साथ में रहने लगे और आरोपी उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध में लगा। पूरे घटना की जानकारी आरोपी के माता-पिता को भी थी। इसी दौरान 14 दिसंबर 2021 को आरोपी और उसकी माता ने उसे से अनावश्यक लड़ाई झगड़ा कर मारपीट करते हुए उसे घर से निकाल दिया। 

न्यायालय ने दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास और ₹500 अर्थदंड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 17 के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास और ₹1000 अर्थदंड की सजा सुनाई है। 


प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की। 

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