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मादक पदार्थों के अवैध कारोबार को रोकने कठोर दंड, एनडीपीएस एक्ट के आरोपियों को दोष सिद्ध होने पर 20 -20 साल के सश्रम कारावास की सजा और दो- दो लाख रु अर्थदंड

  रायपुर । असल बात न्यूज़।।        00  विधि संवाददाता  मादक पदार्थों के अवैध कारोबार को रोकने इसमें संलिप्त अभियुक्तों को कठोर सजा दी जा रही...

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 रायपुर ।

असल बात न्यूज़।।   


   00  विधि संवाददाता 

मादक पदार्थों के अवैध कारोबार को रोकने इसमें संलिप्त अभियुक्तों को कठोर सजा दी जा रही है।न्यायालय ने एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओ में दोष सिद्ध पाए जाने पर पांच आरोपियों को आज बीस - 20 साल के सश्रम कारावास तथा दो -दो लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट रायपुर अतुल कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है।इन आरोपियो में से तीन आरोपी भिलाई जिला दुर्ग के निवासी हैं। न्यायालय ने प्रकरण में फैसला सुनाते हुए मादक पदार्थों के अवैध कारोबार के बढ़ते जाने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि ऐसा अपराध बल्कि समाज और राष्ट्र को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। मादक द्रव्य का उपयोग करने से वर्तमान पीढ़ी का भविष्य खराब हो रहा है।

 प्रकरण में आसूचना अधिकारी राजस्व आसूचना निदेशालय नागपुर क्षेत्र इकाई के द्वारा परिवाद प्रस्तुत किया गया। प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि 23 जून 2018 को डीआरआई कार्यालय नागपुर के पास आसूचना अधिकारी को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक ट्रक जिसका  रजिस्ट्रेशन नंबर सीजी 07 सी ए 5127 है गांजा की खेप छुपाकर भिलाई की ओर ला रहा है। आसूचना अधिकारी ने उक्त सूचना की अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी तत्पश्चात इसे पकड़ने के लिए टीम गठित की गई। टीम के अधिकारी सूचना के आधार पर कर्मचारियों को साथ लेकर रायपुर पहुंचे वहां ट्रक को रुकवा कर पकड़ लिया गया।

परिवाद के अनुसार ट्रक को चला रहे व्यक्ति ने अपना नाम के धर्माराव बताया। ट्रक में दो अन्य लोग भी सवार थे जिन्होंने पूछताछ में अपना नाम सुजीत सिंह रंधावा व अवतार सिंह बताया। आरोपी पूछताछ में पहले ट्रक से किसी भी तरह का मादक पदार्थ परिवहन करने से इनकार करते रहे फिर बाद में बताया कि प्लास्टिक बोरे में तथा नारियल की बोरी के नीचे गांजा रखा हुआ है। उक्त कार्गो वाहन को सीजीएसटी कार्यालय रायपुर ले जाया गया। वहां उससे सामान उतारने पर उसमें 770 बैंक में 6 हजार 545 किलोग्राम नारकोटिक्स पाया गया।

न्यायालय ने आरोपियों को स्वापक औषधि तथा बना प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा सुनाई है। न्यायालय ने बचाव पक्ष की ओर प्रस्तुत  बचाव संबंधी तथ्य को विश्वसनीय नहीं माना। न्यायालय ने अभियुक्तगण के विरुद्ध  इस अपराध को सिद्ध पाया कि  6 हजार 545 किलोग्राम मादक पदार्थ गांजा उनके आधिपत्य से परिवहन करते जप्त किया गया है। यार ने प्रकरण में फैसला सुनाते हुए कहा है कि आरोपियों ने मादक पदार्थ गांजा को अवैध रूप से परिवहन करने का आपस में मिलकर षड्यंत्र किया। 

न्यायालय ने संलिप्त ट्रक का अधिहरण करने उक्त वाहन के पंजीकृत के स्वामी को नोटिस देने तथा प्रकरण में मादक पदार्थ के साथ पाए गए नारियल को नष्ट करने का आदेश दिया है।

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