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एनडीपीएस एक्ट में चार अभियुक्तों को दोष सिद्ध पाए जाने पर 20- 20 साल के सश्रम कारावास की सजा, आरोपियों के पास से पकड़ा गया था अट्ठारह सौ किलोग्राम से अधिक गांजा

  रायपुर । असल बात न्यूज़।।        00  विधि संवाददाता  न्यायालय ने एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओ में दोष सिद्ध पाए जाने पर 4 आरोपियों को बी...

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 रायपुर ।

असल बात न्यूज़।।   

   00  विधि संवाददाता 

न्यायालय ने एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओ में दोष सिद्ध पाए जाने पर 4 आरोपियों को बीस - 20 साल के सश्रम कारावास तथा दो लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट रायपुर अतुल कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं। प्रकरण में फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने कहा है कि आरोपी केवल अपने आर्थिक लाभ के लिए समाज में नशे का सामान उपलब्ध कराने के कार्य में संलिप्त थे । ऐसा अपराध ना केवल व्यक्ति बल्कि समाज को भी प्रभावित करता है। 

 प्रकरण में आसूचना अधिकारी राजस्व आसूचना निदेशालय नागपुर क्षेत्र इकाई के द्वारा परिवाद प्रस्तुत किया गया। प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि 13 सितंबर 2018 को डीआरआई कार्यालय नागपुर के पास आसूचना अधिकारी चंद्रप्रकाश को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक ट्रक जिसका  रजिस्ट्रेशन नंबर सीजी 04 जे बी 7703 है गांजा की खेप छुपाकर ला रहा है। उक्त खेप, आंध्र प्रदेश से उत्तर प्रदेश की ओर ले जाई जा रही है और उसके साथ एस्कॉर्ट पार्टी भी है जो उक्त गाजा खेप के खरीददार हैं। आसूचना अधिकारी ने उक्त सूचना की अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी तत्पश्चात इसे पकड़ने के लिए टीम गठित की गई। टीम के अधिकारी सूचना के आधार पर कर्मचारियों को साथ लेकर केशकाल घाटी कोंडागांव की ओर पहुंचे वहां संतोष ढाबा केशकाल घाट के पास डीआरआई के अधिकारियों को वह ट्रक खड़ी मिल गई। 

ट्रक में पहले नमक की बोरियां भरी पाई गई थी। उक्त बोरियों के नीचे 35 एचडीपीई बोरिया पाई गई। उसके अतिरिक्त 59 छोटे नीले रंग के पैकेट भी मिले थे। 35 बड़ी बोरियों में 137 विभिन्न आकार के बड़े पैकेट पाए गए जिनमें भूरे रंग का कवर लगा हुआ था तथा 36 नीले रंग के बड़े पैकेट भी मिले थे। इस प्रकार कुल 232 पैकेट मिले थे। उक्त पैकेट में पाए गए पदार्थ भूरे रंग के बच्चों जैसी संरचना वाले दिख रहे थे, जिसमें से एक विशेष प्रकार की महक आ रही थी। उक्त सभी पैकेटों का अरोरा धर्मकांटा में वजन कराया गया। उक्त मादक पदार्थ गांजा का वजन 1840 किलोग्राम पाया गया। 

न्यायालय ने आरोपियों को स्वापक औषधि तथा बना प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा सुनाई है। न्यायालय ने पकाने फैसला सुनाते हुए कहा है कि आरोपियों ने मादक पदार्थ गांजा को अवैध रूप से परिवहन करने का आपस में मिलकर षड्यंत्र किया।