Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

मुख्यमंत्री की घोषणा: सिंधी पंचायत को सामाजिक कार्य के लिए नवा रायपुर में दी जाएगी जमीन

  भगवान श्री झूलेलाल की शोभा यात्रा का मुख्यमंत्री ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रात्रि राजधानी के ...

Also Read

 


भगवान श्री झूलेलाल की शोभा यात्रा का मुख्यमंत्री ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रात्रि राजधानी के जयस्तंभ चौक में सिंधी समाज द्वारा आयोजित चेट्रीचण्ड्र कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस मौके पर सिंधी समाज द्वारा भगवान श्री झूलेलाल की निकाली गई शोभा यात्रा को पुष्प वर्षा कर स्वागत किया और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि तथा खुशहाली के लिए कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सिंधी पंचायत को सामाजिक कार्य के लिए नवा रायपुर अटल नगर में जमीन प्रदाय करने की घोषणा की। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि संत झूलेलाल को वरूण देव का अवतार कहा जाता है। वरूण देव जल के देवता हैं, जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस तरह भगवान झूलेलाल सम्पूर्ण जीवन के आधार हैं। उन्होंने बताया कि सिंधी समाज व्यापारियों और व्यवसायियों का समाज है। निश्चित रूप से शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज को भी मिला है। प्रदेश के व्यापार-व्यवसाय में प्रगति हुई है और समाज के जीवन में भी रौनक आई है। इसके फलस्वरूप आज चेट्रीचण्ड्र महोत्सव में एक अलग ही उत्साह नजर आ रहा है, जो प्रशंसनीय है। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने प्रदेश के नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों में चेट्रीचण्ड्र महोत्सव के दिन सामान्य अवकाश की घोषणा की है। इसकी मांग सिंधी समाज द्वारा लंबे अरसे से की जा रही थी। जिसमें उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए यह घोषणा की गई। इस अवसर पर समाज की ओर से भी मुख्यमंत्री श्री बघेल को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी के अध्यक्ष श्री रामगिडलानी, श्री अमर गिदवानी, श्री श्रीचंद सुन्दरानी, श्री आनंद कुकरेजा, श्री अजीत कुकरेजा सहित बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोग उपस्थित थे।