Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

पास्को एक्ट के गंभीर मामले में अभियुक्त को 10 साल की सजा,दो हजार रु अर्थदंड भी

दुर्ग। असल बात न्यूज़।।   00  विधि संवाददाता   आरोपी की उम्र लगभग 30 साल है। उसने,अपने घर के बाहर झाड़ू लगा रही अवयस्क बालिका को घर में काम ...

Also Read
दुर्ग।
असल बात न्यूज़।।  

00  विधि संवाददाता 

आरोपी की उम्र लगभग 30 साल है। उसने,अपने घर के बाहर झाड़ू लगा रही अवयस्क बालिका को घर में काम है कहकर शातिराना तरीके से इशारे से 
 बुलाया और घर का दरवाजा बंद कर जबरदस्ती कृकृत्य किया। न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध पाया और उसे 10 साल की सजा सुनाई गई है।अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम फास्ट ट्रेक कोर्ट विशेष न्यायालय श्रीमती सरिता दास के न्यायालय ने उक्त सजा सुनाई है। न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए दंड देने में अभियुक्त के प्रति कोई सहानुभूति पूर्वक विचार करना उचित नहीं माना।न्यायालय ने पीड़ित अभियोक्तरी के पुनर्वास के लिए क्षतिपूर्ति देने की भी अनुशंसा की है।

यह प्रकरण दुर्ग जिले के नेवई थाना क्षेत्र के अंतर्गत 24 अगस्त 2020 की है जिसमें दूसरे दिन आरक्षी केंद्र नेवई  में एफ आई आर  दर्ज कराई गई। मामले में लगभग 2 साल 8 महीने के भीतर न्यायलय का फैसला आ गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को गिरफ्तारी के बाद से आज तक जमानत नहीं दिया गया था।अभियोजन के अनुसार प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि  प्रार्थी पीड़िता के द्वारा स्वयं रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि वह घटना के दिन सुबह 6:00 बजे अपने घर के बाहर रोड आंगन में झाड़ू लगा रही थी कि पड़ोस में रहने वाले आरोपी ने उसे घर में काम है कहकर बुलाया और बाह पकड़ कर खींच कर जबरदस्ती दुष्कर्म किया तथा घटना के बारे में किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी। उस समय उसके पिताजी अपने काम पर चले गए थे और मां घर के अंदर काम कर रही थी। अभियुक्त के नाम का हम यहां उल्लेख नहीं कर रहे हैं ताकि पीड़िता की पहचान उजागर ना हो सके।

प्रकरण में विचारण एवम सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अभियुक्त के विरुद्ध आरोप को युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित पाया  कि अभियुक्त के द्वारा अवयस्क अभियोक्तरी को घर में काम है कहकर इशारे से बुलाया एवं उसका बांह पकड़कर खींचते हुए अपने घर के अंदर ले गया और घर का दरवाजा बंद कर उसका सदोष परिरोध किया एवं कृकृत्य किया।उसके साथ बलातसंग एवं गुरुत्तर प्रवेशन लैंगिक हमला कारित किया गया। 

न्यायालय के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से यह तर्क लिया गया कि प्रकरण की सबसे महत्वपूर्ण साक्षी और अन्य साक्षीयों का बयान विरोधाभास से परिपूर्ण है अभियोजन अपने मामले को संदेह से परे प्रमाणित करने में असफल रहा है।

 न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 342 के तहत 6 माह, और धारा 506 बी के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹2हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।


प्रकरण में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पक्ष रखा।

  • असल बात न्यूज़

    सबसे तेज, सबसे विश्वसनीय 

     पल-पल की खबरों के साथ अपने आसपास की खबरों के लिए हम से जुड़े रहे , यहां एक क्लिक से हमसे जुड़ सकते हैं आप

    https://chat.whatsapp.com/KeDmh31JN8oExuONg4QT8E

    ...............


    असल बात न्यूज़

    खबरों की तह तक,सबसे सटीक,सबसे विश्वसनीय

    सबसे तेज खबर, सबसे पहले आप तक

    मानवीय मूल्यों के लिए समर्पित पत्रकारिता