दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल अक्सर कई मुद्दों पर आमने-सामने रहते हैं। इस बार केजरीवाल सरकार यहां के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने पर अड़ गई है। दिल्ली सरकार का सीधा आरोप है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना इन शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जाने से रोक रहे हैं। लेकिन अब इस पूरे मामले पर एलजी की तरफ से भी जवाब आ गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एक बयान में कहा गया है कि दोहराया जा रहा है कि दिल्ली के एलजी ने प्राइमरी इंचार्जों के फिनलैंड में ट्रेनिंग के कार्यक्रम से जुड़े प्रस्ताव को रिजेक्ट नहीं किया है। इस संबंध में कोई भी बयान भ्रमित करने वाला और शरारत से प्रेरित है।
शिक्षकों को फिनलैंड भेजने पर अड़ी केजरीवाल सरकार
शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने पहले से ही एलजी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सोमवार को इस मुद्दे की गूंज दिल्ली विधानसभा में भी सुनाई पड़ी। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आप के विधायक सदन में हंगामा करने लगे। उनका आरोप था कि दिल्ली के एलजी दिल्ली सरकार के कार्यों में लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं। आप विधायक शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजने की मांग कर रहे थे।
इस हंगामे के दौरान सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सड़क पर शोर शुरू हो गया। आप के नेता और खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हाथ में तख्तियां लेकर सड़क पर उतर आए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो एलजी के आवास तक मार्च करेंगे। उनका कहना था कि उपराज्यपाल शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड नहीं भेजना चाहते हैं।
उपराज्यपाल स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकते - केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप विधायकों को उपराज्यपाल कार्यालय तक मार्च करना पड़ रहा है। मुझे उम्मीद है कि एलजी अपनी गलती पर गौर करेंगे और शिक्षकों को फिनलैंड में प्रशिक्षण की अनुमति देंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकते लेकिन वह ऐसा कर रहे हैं। उपराज्यपाल सक्सेना द्वारा ''अवैध और अवांछित बाधाओं और हस्तक्षेपों'' के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों और सत्तारूढ़ आप के सदस्यों के बीच जुबानी जंग छिड़ जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
केजरीवाल ने कहा कि मैं एलजी साहब से निवेदन करना चाहता हूं कि आपको टीचर्स को फिनलैंड भेजने में क्या तकलीफ है? वह कह रहे हैं कि मैंने फाइल नहीं रोकी है. जबकि फाइल रोकी गई है। इस संबंध में वह एक चिट्ठी लिखकर हमको दें दे कि मुख्यमंत्री जी हमें कोई ऑब्जेक्शन नहीं हैं, अपने टीचर्स को फिनलैंड भेज दीजिये। सीएम ने पूछा कि क्या कॉस्ट बेनिफिट एनालिसिस होता है? इन लोगों के बच्चे भी देश पढ़ने के लिए जाते हैं, क्या उन्होंने इसके एनालिसिस किए हैं?
LG ने कही यह बात
बहरहाल अब सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि शिक्षकों को फिनलैंड भेजे जाने के मुद्दे पर एलजी की तरफ से जवाब आ गया है। एलजी की तरफ से साफ कहा गया है कि शिक्षकों के फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव पर कोई रोक नहीं लगी है। साथ ही सरकार को सलाह दी गई है कि प्रस्ताव का मूल्यांकन करें और छात्रों को प्रदान की जा रही शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव के संदर्भ में कॉस्ट बेनिफिट विश्लेषण रिकॉर्ड करें, ताकि अतीत में शिक्षकों के लिए किए गए विभिन्न विदेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके।