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कांग्रेस की महारैली के जवाब में आरक्षण पर भाजपा का आज राजधानी में धरना-प्रदर्शन

  रायपुर। आरक्षण को लेकर राज्य में जमकर सियासत हो रही है। इस मामले में सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्ष भाजपा में आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा...

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रायपुर। आरक्षण को लेकर राज्य में जमकर सियासत हो रही है। इस मामले में सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्ष भाजपा में आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इसी के साथ अब इस मामले में सदन से लेकर सड़क की लड़ाई भी छिड़ गई गै। एक दिन पहले हुई कांग्रेस की महारैली के बाद अब अब इसके जवाब में भाजपा का आज राजधानी रायपुर में अंबेडकर चौक में धरना-प्रदर्शन दाेपहर दाे लेकर शाम पांच बजे तक हाेगा। इस आंदोलन में भाजपा के सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और नेता शामिल होंगे।

नेता प्रतिपक्ष नारायण सिंह चंदेल का कहना है, कांग्रेस सरकार आरक्षण के मामले में भ्रम फैलाने और भाजपा को बदनाम करने का काम कर रही है। राज्यपाल पर भी जबरन दबाव बनाने का काम किया जा रहा है। राज्यपाल के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया जा रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हम जनता के सामने सच्चाई रखेंगे कि हकीकत क्या है। आरक्षण को लेकर प्रदेश में पिछले एक माह से सियासी घमासान मचा हुआ है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 76 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक विशेष सत्र में मंजूर करके इसको हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल को भेजा है। अब तक विधेयक पर हस्ताक्षर न होने की बात कहते हुए इस मामले में कांग्रेस और भाजपा के बीच में आरोप-प्रत्यारोप हो रहा है। कांग्रेस ने राज्यपाल पर भाजपा के दबाव में हस्ताक्षर न करने का आरोप भी लगाया है और अब कांग्रेस ने आरक्षण के मामले में रायपुर में मंगलवार को बड़ी महारैली का आयोजन किया है। इसके जवाब में भाजपा ने एक आंदोलन राजधानी में करने का फैसला किया है।खाेलेंगे कांग्रेस की पोल
नेता प्रतिपक्ष नारायण सिंह चंदेल का कहना है, कांग्रेस सरकार को जब आदिवासियों का 32 प्रतिशत आरक्षण कोर्ट में बचाना था, तब तो कांग्रेस ने इस पर गंभीरता से काम नहीं किया, अब आदिवासी आरक्षण कोर्ट से रद्द होने के बाद इस मामले में राजनीति करते हुए आरक्षण को 76 प्रतिशत करते हुए विधेयक लाया गया है। हम लोगों ने आरक्षण का समर्थन करते हुए विधेयक पर सहमति जताई है, पर इसको लेकर न तो सदन में क्वांटिफिएबल डाटा पेश किया गया न ही राज्यपाल को क्वांटिफिएबल डाटा दिया गया है। आज भी सदन में सरकार से क्वांटिफिएबल डाटा मांगा गया, लेकिन सरकार ने सदन में क्वांटिफिएबल डाटा प्रस्तुत नहीं किया है। सरकार की आरक्षण को लेकर मंशा ही साफ नहीं है। जनता के सामने कांग्रेस सरकार की पोल खोलने का काम किया जाएगा।