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छत्तीसगढ़ में भी भाजपा के कारण ही धर्मांतरण बढ़े,सुप्रीम कोर्ट की चिंता के अनुसार धर्मांतरण पर कानून बनाये मोदी सरकार - कांग्रेस

  *भाजपा के लिये धर्मांतरण सिर्फ एक राजनैतिक एजेन्डा वह समाधान नहीं चाहता रायपुर । असल बात न्यूज़।। जबरन धर्मांतरण को सुप्रीम कोर्ट ने देश क...

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*भाजपा के लिये धर्मांतरण सिर्फ एक राजनैतिक एजेन्डा वह समाधान नहीं चाहता

रायपुर ।

असल बात न्यूज़।।

जबरन धर्मांतरण को सुप्रीम कोर्ट ने देश के लिये बड़ी समस्या बताया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद केन्द्र में बैठी मोदी सरकार का यह कर्तव्य बन जाता है कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ वह पूरे देश में एक कानून बनाये।यह बात प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कही है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी धर्मांतरण को लेकर देश भर में अफवाह फैलाने और राजनीति करने का काम करती है। लेकिन जब इस मामले में ठोस पहल करने या कानून बनाने की बात आती है तब भाजपा की नीयत में खोट साफ नजर आता है। भारतीय जनता पार्टी धर्मांतरण और सांप्रदायिकता पर सिर्फ राजनीति करना चाहती है। वह नही चाहती इस समस्या का कोई ठोस निदान हो। सुप्रीम कोर्ट धर्मांतरण पर चिंतित है वह देश में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनने की वकालत कर रही है। ऐसे में मोदी सरकार इस मामले पहल कर शीघ्र कानून बनाना चाहिये। अलग-अलग राज्य धर्मांतरण के मामले में कानून बना रहे है। लेकिन जब यह समस्या पूरे देश की है तब एक राष्ट्र एक कानून के सिद्धांत का पालन धर्मांतरण में भी होना चाहिये।

श्री शुक्ला ने कहा कि भाजपा अपने राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में धर्मांतरण को लेकर चिंता व्यक्त करती है लेकिन अपनी ही केन्द्र सरकार को कानून बनाने के लिये उसने कोई प्रस्ताव पारित नही किया। राष्ट्रीय स्वंय सेवक भाजपा धर्मांतरण को लेकर ईसाईयो के उपर आरोप लगाती है लेकिन आरएसएस स्वंय ईसाई समुदाय के लिये क्रिसमस का भोज आयोजित करवाती है। संघ का यह दोहरा चरित्र यह बताने के लिये पर्याप्त है कि संघ के लिये धर्मांतरण और सांप्रदायिकता ऐसा राजनैतिक एजेंडा है जो वह समय-समय पर भाजपा की राजनैतिक जरूरतों के अनुसार बदलती रहती है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के 15 सालों में छत्तीसगढ़ धर्मांतरण का केंद्र बन गया था। बस्तर के कुछ क्षेत्रों में जो स्थितियां पैदा हुई है उसके पीछे 15 सालो तक चली गतिविधियां जिम्मेदार है जिसको रोकने की दिशा में भाजपा की रमन सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया। तब धर्मांतरण की गतिविधियों को संचालित करने वालों का दखल तत्कालीन सीएम हाउस तक था, राज्य सरकार उनके प्रति नर्म सख्त अख्तियार किये हुये थी 2004 से 2018 तक बस्तर में अधिकांश चर्च बने। भाजपा के नेता मंत्री प्रार्थना सभाओं में शामिल हुआ करते थे। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 98 प्रतिशत चर्च भाजपा के रमन राज में बने। क्रोनोलॉजी समझिये अपने शासनकाल में धर्मांतरण करवाया तब भाजपा मौन थी आज भारतीय जनता पार्टी के नेता धर्मांतरण पर बयानबाजी कर प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश में लगे है। भाजपा के पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष दंगे कर रहे है।