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आर्थिक अपराधों में कमी के लिए लोगों को जागरूक करें सीए -मिश्र

  जयपुर,  राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आमजन को आर्थिक, व्यावसायिक एवं कराधान संबंधी नियम- कानूनों के प...

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जयपुर,  राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आमजन को आर्थिक, व्यावसायिक एवं कराधान संबंधी नियम- कानूनों के प्रति जागरूक करने का कार्य करें ताकि आर्थिक अपराधों और भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आ सके।
श्री मिश्र शुक्रवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कांफ्रेंस श्रेयान-2023 के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चार्टर्ड एकाउन्टेंसी ऐसा सम्मानित और प्रतिष्ठित पेशा है, जो सही मायने मे अर्थव्यवस्था की रीढ है। उन्होंने कहा कि सीए पेशेवर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर नियोजन, लेखा, अंकेक्षण आदि विशिष्ट कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा कर देश के आर्थिक विकास में निरंतर योगदान कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि सीए छोटे-बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, संस्थाओं और व्यक्तियों की आर्थिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों का बारीकी से अंकेक्षण कर उन्हें कानून की पालना के लिए तो प्रेरित करते ही हैं, साथ ही देश के अर्थ तंत्र को दुरस्त रखने में भी अपनी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सीए पेशेवरों से आह्वान किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में धन के पारदर्शी ढंग से जनहित समुचित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करें।
राज्यपाल ने कहा कि देश इस वर्ष जी-20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है और आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रहा है। ऐसे समय में प्रत्यक्ष कर नियोजन, जीएसटी अनुपालना एवं ऑडिट सहित वित्तीय प्रबंधन के विभिन्न आयामों में सूचना प्रौद्योगिकी और आधुनिक तकनीकों का अधिकाधिक उपयोग कर इन्हें आसान बनाने के लिए भी सीए पेशेवर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सीएसआर गतिविधियों के तहत शिक्षा के प्रसार के लिए भी चार्टर्ड एकाउंटेट्स आगे आएं।
कार्यक्रम में कांफ्रेंस निदेशक प्रकाश शर्मा ने बताया कि आईसीएआई अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत वाणिज्य एवं लेखा के स्कूल स्तरीय पाठ्यक्रमों को अद्यतन करने के लिए सुझाव दे रहा है। उन्होंने अपने सम्बोधन में संस्थान की कार्यप्रणाली और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल ने संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाया और मूल कर्तव्य पढ़कर सुनाए।