रायपुर. भूपेश हैं तो भरोसा है का एक ऐज जलवा देखने का मिला है। मुख्यमंत्री के सामने जब भी कोई समस्या आती है तो वे उसका समाधान जरूर करते ह...
रायपुर. भूपेश हैं तो भरोसा है का एक ऐज जलवा देखने का मिला है। मुख्यमंत्री के सामने जब भी कोई समस्या आती है तो वे उसका समाधान जरूर करते हैं। मुख्यमंत्री ने ही अब राजधानी के रवि भवन के व्यापारियों के लिए सस्ती बिजली का रास्ता खोल दिया है। पिछले 26 साल से व्यापारी बिल्डर की महंगी बिजली के परेशान थे, अब मुख्यमंत्री की पहल पर को छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी व्यापारियों काे उनके खुद के बिजली कनेक्शन देने वाली है।
अब तक रवि भवन बनाने वाले बिल्डर के नाम से ही एक एचटी कनेक्शन है, जिसमें से सभी व्यापारियों को कनेक्शन दिए गए हैं। ऐसे में व्यापारियों को बिजली पौने तेरह रुपए यूनिट मिलती है। लेकिन अपने कनेक्शन लगने से बिजली सात से आठ रुपए में मिलने लगेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर पॉवर कंपनी अमल करने में जुट गई है। रवि भवन के 1996 में बनने के बाद से इसमें दुकानें लेने वाले व्यापारी अपने बिजली कनेक्शन से वंचित हैं। बिल्डर ने भवन का निर्माण करने के समय जो अस्थाई एचटी कनेक्शन लिया था, उसको बाद में स्थाई करवा लिया और जिन भी व्यापारियों को दुकान बेची गईं, उनको सब मीटर लगाकर कनेक्शन दे दिए गए। शुरुआत में तो किसी व्यापारी को इसका नुकसान समझ नहीं आया, लेकिन बाद में जब इसका नुकसान समझ आया तो व्यापारियों ने अपने कनेक्शन लेने के लिए पहल की।
20 साल से संषर्घ
रवि भवन व्यापारी संघ के अध्यक्ष
जय नानवानी के मुताबिक 20 साल से अपने कनेक्शन के लिए संघर्ष चल रहा है।
सबसे पहले 2002 में शिव ग्वालानी रवि भवन व्यापारी संघ के अध्यक्ष बने तो
उन्होंने ही इस दिशा में पहल की। उसके बाद से लगातार प्रयास किए जा रहे
हैं। हमारा संघ बिजली नियामक आयोग में भी गया। आयोग ने भी माना कोई बिल्डर
इस तरह से कनेक्शन नहीं दे सकता है। इसी के साथ आयोग ने यह भी कहा, ऐसा और
कहीं न हो, इसका पॉवर कंपनी को ध्यान रखना चाहिए।
हर साल 30 लाख का फटका
रवि
भवन में हर माह एक लाख यूनिट बिजली की खपत होती है। व्यापारियों के
मुताबिक उनको जो ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं वो साल के करीब 30 लाख होते
हैं। ऐसे में 20 साल में अब तक छह करोड़ रुपए अतिरिक्त हम लोग दे चुके हैं।
रवि भवन के बाहर हमारे आस-पास के व्यापारियों को जहां 400 यूनिट बिजली के
32 से 33 सौ रुपए देने पड़ते हैं, वहीं हमें 51 सौ रुपए लगते हैं।
मुख्यमंत्री ने किया समस्या का निराकरण
अध्यक्ष जय नानवानी के मुताबिक छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम में जब हमारे संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने अपनी परेशानी रखी और उनको बताया गया कि 20 साल से हमारी समस्या का निराकरण नहीं हो सका है। भाजपा सरकार के समय भी उसके सामने मांग रखी गई, पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से व्यापारियों की समस्या का निराकरण का निर्देश पॉवर कंपनी को दिया है।