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स्वरूपानंद महाविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवकों ने वृद्ध आश्रम में किया नववर्ष का आगाज़

  नीचे गिरे सूखे पत्तों पर अदब से चलना ज़रा,कभी कड़ी धूप में तुमने इन्हीं से पनाह मांगी थी l भिलाई। असल बात न्यूज़।।  एनएसएस नोडल अधिकारी श्...

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नीचे गिरे सूखे पत्तों पर अदब से चलना ज़रा,कभी कड़ी धूप में तुमने इन्हीं से पनाह मांगी थी l

भिलाई।

असल बात न्यूज़।। 

एनएसएस नोडल अधिकारी श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी ने बताया कि वृद्धआश्रम कोई प्रकृति की देन नहीं है बल्कि यह उन वृद्धों के वयस्क संतानों तथा परिवार के सदस्यों द्वारा तिरस्कृत, वृद्धों का समाज है l स्वयंसेवक भी युवा हैं और वृद्धाआश्रम में अपनी सेवाएं देने तथा कुछ समय व्यतीत करने के बाद यदि वृद्धों को देखने का उनका दृष्टिकोण परिवर्तित होता है तो एनएसएस का मुख्य उद्देश्य *मैं नहीं पहले आप* सार्थक होता है l

संस्था के संचालक श्री राजेंद्र सरगनिया ने बताया कि बीएसपी से सेवानिवृत्त होकर उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन उन बुजुर्गों को आश्रय देने में समर्पित कर दिया जो अपने संतानों द्वारा परित्यक्त हैं तथा अपनी संपत्ति और समय पूर्ण रूप से वृद्धाश्रम को उन बुजुर्गों के अपने घर जैसा बनाने में लगा दिया है l

सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने कहा यह पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव ही है कि भारतवर्ष में भी अत्यंत संपन्न समृद्ध परिवार के बुजुर्ग  वृद्ध आश्रम में रहने को मजबूर हैं l एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा उठाया गया यह कदम अत्यंत सराहनीय है l

भिलाई के सेक्टर- 8 के आस्था वृद्धाश्रम में एनएसएस स्वयंसेवकों ने ना केवल वृद्धजनों का दुख-दर्द बांटा बल्कि वृद्धाश्रम के अंदर तथा आसपास के स्थानों की सफाई की एवं दैनिक उपभोग के सामान का वितरण भी किया l उद्देश्य केवल एक - कि अपनी सेवा से बुजुर्गों की एकाकीपन को कुछ हद तक कम कर सकें l एनएसएस स्वयंसेवक अंश शर्मा , आस्था ओक ,अनीश सिंह ,स्नेहा अनासने, स्नेहा गुहे , ओम करसायल , सीपिका टांक, हर्षिता साहू, चंद्रशेखर साहू, हिमांशु सेन  ,दीपांशु चंद्राकर, लाक्षी हेड़ाउ ,भावेश शाह ,समीर ,अयाज़, कमलदीप सिंह, ऋषि, मुस्कान, शीतल , दीपा आदि की उपस्थिति से आश्रम के बुजुर्ग अत्यंत प्रसन्न हुए l स्वयंसेवकों ने अपने साथ बुजुर्गों को उनकी कविताओं ,कहानियों तथा नाच गाने के माध्यम से इतना प्रसन्न कर दिया कि विदाई के समय वृद्धों तथा स्वयं सेवकों के आंखों से अश्रुधारा बह उठी l


महाविद्यालय प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि घटते जीवन मूल्यों का प्रतीक हैं बढ़ते वृद्धाश्रम l स्वयं सेवकों द्वारा इस सेवा कार्य से ना केवल उनमें बल्कि समाज में भी यह संदेश जाएगा कि हमें आत्म केंद्रित होने की नहीं बल्कि अपने अंदर नैतिक मूल्यों में वृद्धि करने की आवश्यकता है ताकि वृद्ध आश्रमों का नामोनिशान ना हो l

स्वयंसेवकों के अतिरिक्त वृद्ध आश्रम में महाविद्यालय से डॉ शिवानी शर्मा विभागाध्यक्ष बायोटेक्नोलॉजी, श्रीमती खुशबू पाठक विभागाध्यक्ष बी बी ए ,श्रीमती सुनीता शर्मा विभाग अध्यक्ष जूलॉजी , श्री एम एम तिवारी स्पोर्ट्स ऑफिसर तथा श्री गोल्डी राजपूत सहायक प्राध्यापक शिक्षा भी उपस्थित रहे तथा उन्होंने बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत किया l