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बचकर रहना... आप पर है तीसरी आंख की नजर, मोबाइल पर फुटेज देख रहे थानेदार

  रायपुर। राजधानी के चप्पे-चप्पे की निगरानी अब तीसरी आंख (सीसीटीवी कैमरे) से की जा रही है। वर्तमान समय में लगभग 1000 कैमरे से राजधानी की न...

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रायपुर। राजधानी के चप्पे-चप्पे की निगरानी अब तीसरी आंख (सीसीटीवी कैमरे) से की जा रही है। वर्तमान समय में लगभग 1000 कैमरे से राजधानी की निगरानी की जा रही है। आइटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के तहत 750 से ज्यादा कैमरे लगवाए गए हैं। वहीं अब तक सभी थानों क्षेत्रों में लगभग ढाई सौ से ज्यादा कैमरे व्यापारिक और सामाजिक संगठनों के सहयोग से लगाया गया है। इन कैमरों से ट्रै्फिक विभाग के सिपाही सहित थानेदार मोबाइल पर ही लाइव फुटेज देख रहे हैं। इससे राजधानी में होने वाली आपराधिक गतिविधियों को रोकने के साथ ही इस पर लगाम लगाने की दिशा में कार्य करने में आसानी हो रही है।

राजधानी के सभी थाना क्षेत्रों में औसतन 10 से ज्यादा कैमरे लगवाए गए हैं। आइटीएमएस के जरिए शहर के विभिन्ना 50 मार्गों पर कैमरे लगवाए गए है। इनकी फुटेज दक्ष कंट्रोल रूम से ही की जा रही है। साथ ही व्यापारिक संगठनों की ओर से लगवाए गए कैमरों की सहायता से तो अब मोबाइल पर ही सारी गतिविधियां आनलाइन रिकार्ड हो रही है।

एक्सप्रसे-वे और शहर के आउटर में भी लगेंगे कैमरे

शहर में आइटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के तहत 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च कर 750 से ज्यादा कैमरे लगवाए गए हैं। वहीं अब एक्सप्रेस वे के साथ ही आउटर के क्षेत्रों में भी कैमरे लगवाने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद शहर के सभी क्षेत्रों की निगरानी आनलाइन की जा सकेगी।

खम्हारडीह, भनपुरी सहित कई क्षेत्रों में संगठनों का सहयोग

शहर के खम्हारडीह इलाके से लेकर भनपुरी सहित कई अन्य थाना क्षेत्रों में संगठनों ने ही पुलिस प्रशासन से एप्रोच कर इसकी व्यवस्था करवाई है। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन को सौंपी है, जिससे चोरी सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों की जानकारी मिल सके और उन पर लगाम लगाई जा सके।

तेज बारिश और अंधेरे में भी कैच होते हैं नंबर

शहर के 55 सड़कों में लगवाए गए 750 से ज्यादा कैमरों के अलावा व्यापारिक संगठनों के सहयोग से लगे कैमरे भी आधुनिक तकनीक वाले हैं। इनकी सहायता से अंधेरे के अलावा तेज बारिश में भी गाड़ियों के नंबर सहित अन्य गतिविधियों को ट्रेस किया जा सकता है।

2024 के बाद मेंटेनेंस को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं

आइटीएमएस के कैमरों के संचालन सहित इनके मेंटेनेंस के लिए निजी एजेंसी को अनुबंधित किया गया है। इसका अनुबंध 2024 तक के लिए है। वर्ष-2024 के बाद इनका मेंटेनेंस कौन करेगा, इसे लेकर स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। वहीं दूसरी तरफ सिपाहियों की ट्रेनिंग के साथ ही इनकी संख्या भी पर्याप्त नहीं है।

वर्जन

आइटीएमएस के अलावा व्यापारिक और सामाजिक संगठनों के सहयोग से भी कई जगहों पर कैमरे लगवाए गए हैं। इसकी सहायता से राजधानी की निगरानी की जा रही है। आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ अन्य जगहों पर भी इन्हें लगाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।