उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 2023 के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दलहन परिदृश्य की समीक्षा की
देश में अनाज और दाल की कीमतों को नियंत्रित रखने तथा लोगों को सस्ती कीमत पर दाल उपलब्ध कराने कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए किसानों को दाल का उत्पादन बढ़ाने तथा विदेशों से आयात करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।इस मामले में उपभोक्ता मामलों का विभाग अधिक दालों का उत्पादन करने के लिए भारतीय सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ जैसे धान उत्पादक राज्यों में अब दालों के उत्पादन पर अधिक जोर दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में दाल के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह, सचिव, ने यहां भारत के दाल संघों के पदाधिकारियों के साथ साथ एक बैठक की है। बैठक में बताया गया कि कई देशों में दालों का उत्पादन बढ़ रहा है।म्यांमार में आने वाले वर्ष में दल के उत्पादन में बेहतर वृद्धि होने की उम्मीद है। वही अफ्रीकी देशों में दालों की बुवाई के क्षेत्र में वृद्धि का संकेत मिला है।, वहां से यह दाल अगस्त 2023 से हमे उपलब्ध होने लगेगी। इससे दालों के आयात का निरंतर प्रवाह को बना रहेगा।
बैठक में इंडिया पल्स एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए), ओवरसीज एग्रो ट्रेडर्स एसोसिएशन (ओएटीए म्यांमार), ऑल इंडिया दाल मिल्स एसोसिएशन, तमिलनाडु पल्सेस इंपोर्टर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, आईग्रेन आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
घरेलू दालों के उत्पादन में तेजी से वृद्धि, बंदरगाह की मंजूरी, कुछ देशों पर आयात निर्भरता को कम करने के लिए नए भौगोलिक क्षेत्रों की खोज, स्थिर नीति व्यवस्था का विस्तार आदि से संबंधित कुछ सुझाव थे।
उपभोक्ता मामलों का विभाग दाल उद्योग की नब्ज का आकलन करने और आवश्यक नीतिगत उपाय शुरू करने के लिए भारत और प्रमुख निर्यातक देशों में दाल संघों के साथ नियमित बातचीत करता है। बैठकों की श्रृंखला के एक भाग के रूप में, विभाग ने 15 दिसंबर 2022 को घरेलू और वैश्विक दालों के परिदृश्य का आकलन करने और भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अगले वर्ष के लिए रणनीति बनाने के लिए एक बैठक आयोजित की।