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अब पूर्व पंजीकृत (प्री-ओन्ड) गाड़ी बेचने वालों को लेना होगा आरटीओ से डीलरशिप

 *आरटीओ अब अधिकृत करेंगे ’सेकंड हैंड गाड़ी’ विक्रेता डीलर को *’सेकंड हैैंड गाड़ी’ की खरीद-बिक्री के लिए बड़ी सुविधा रायपुर । असल बात न्यूज़।।  ...

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 *आरटीओ अब अधिकृत करेंगे ’सेकंड हैंड गाड़ी’ विक्रेता डीलर को

*’सेकंड हैैंड गाड़ी’ की खरीद-बिक्री के लिए बड़ी सुविधा


रायपुर ।

असल बात न्यूज़।। 

 छत्तीसगढ़ में ’सेकंड हैंड गाड़ी’ खरीदने की योजना रखने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। इसमें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा ऐसा नया नियम लाया जा रहा है, जिसकी मदद से अब डीलर और गाड़ी की पहचान आसान होगी, साथ ही चोरी की गाड़ियों को फर्जी तरीके से खरीद तथा बिक्री पर लगाम लगाने में सहायता मिलेगी।

सेकेंड हैंड गाड़ी की खरीद-बिक्री के फायदे को दृष्टिगत रखते हुए और इसे पारदर्शी बनाने के लिए ही परिवहन विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा केंद्र सरकार को सेकंड हैंड गाड़ी विक्रेता को भी डीलर के रूप में अधिकृत करने हेतु लेख किया गया था। इसके बाद केंद्रीय मोटर वाहन रूल, 1989 में बदलाव किया गया है, यह नया नियम 1 अप्रैल, 2023 से लागू होगा। इसके जरिए प्री-ओन्ड वाहन मार्केट के इकोसिस्टम को मजबूत करने की कवायद हो रही है। अब प्री-ओन्ड गाड़ी का बाज़ार  मुख्य धारा में सम्मिलित हो कर वित्तीय सुविधाओं का सीधे लाभ ले सकेगा। 


गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में प्री-ओन्ड वाहनो का बाजार धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। हाल के वर्षों में ऑनलाइन सेकंड हैंड गाड़ी विक्रेता प्लेटफ़ार्म के आगमन, जो वाहनों की खरीद और बिक्री में शामिल हैं, ने इस बाजार को और बढ़ावा दिया है। वर्तमान पारिस्थितिकी तंत्र में, कई विधिक और वित्तीय मुद्दों का सामना करना पड़ रहा था। बाद के डीलर को वाहन के हस्तांतरण के दौरान, तीसरे पक्ष की क्षति देनदारियों के संबंध में विवाद, डिफॉल्टर आदि के निर्धारण में कठिनाई हो रही थी।

रायपुर प्री-ओन्ड डीलर एसोसिएशन की तरफ़ से काफ़ी समय से माँग की जा रही थी कि सेकंड हैंड वाहन विक्रेता को भी नवीन वाहन विक्रेता की तरह ही डीलर का दर्जा दिया जाए। डीलर का दर्जा मिलने से सेकंड हैंड डीलर को गाड़ी ख़रीदने के बाद स्टॉक में दिखाने या फ़ाइनेस लेने में सहायता मिलेगी। किसी गाड़ी में एक्सीडेंट होने की दशा में इन्शुरन्स क्लेम में सहायता मिलेगी और डीलर के द्वारा स्टॉक का इन्शुरन्स भी कराया जा सकेगा, जिससे कि किसी प्रकार के आपदा इत्यादि में कोई नुक़सान होने से स्टॉक के नुक़सान की भरपाई हो सके।


 सेकंड हैंड वाहन विक्रेता अब क्रेता से गाड़ी ख़रीद कर क़ानूनी रूप से अपने पास स्टॉक में रख सकेगा और ज़रूरत के अनुसार उस गाड़ी के समस्त कार्य जैसे  नवीनीकरण या पंजीयन प्रमाणपत्र के नवीनीकरण अथवा पंजीयन प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति, अनापत्ति प्रमाणपत्र, बीमा या वाहन के स्वामित्व में अंतरण करने हेतु आवेदन देने के लिये सक्षम होगा। इसी तरह गाड़ी ख़रीदने वालों के लिए भी अब आसान होगा कि वो अधिकृत सेकंड हैंड गाड़ी विक्रेता को चिह्नांकित कर सकते है। इससे टैक्स डिफ़ॉल्ट गाड़ी, चोरी की गाड़ी या अन्य विवाद से बचा जा सकेगा और किसी प्रकार की समस्या होने से आरटीओ कार्यालय से डीलर के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।


प्रस्तावित नियमों के प्रमुख प्रावधान के तहत डीलर की प्रामाणिकता की पहचान करने के लिए पंजीकृत वाहनों के डीलरों के लिए एक प्राधिकरण प्रमाणपत्र पेश किया गया है। इसके अलावा, पंजीकृत मालिक और डीलर के बीच वाहन की डिलीवरी की सूचना देने की प्रक्रिया को विस्तृत किया गया है। पंजीकृत वाहनों के कब्जे वाले डीलर की शक्तियों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट किया गया है। डीलरों को उनके अधिकार में मोटर वाहनों के पंजीकरण प्रमाण पत्र के नवीनीकरण/फिटनेस प्रमाण पत्र के नवीनीकरण, डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र, एनओसी, स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन करने का अधिकार दिया गया है।


इसी तरह एक नियामक उपाय के रूप में, एक इलेक्ट्रॉनिक वाहन ट्रिप रजिस्टर का रखरखाव अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें की गई यात्रा का विवरण शामिल होगा। यात्रा का उद्देश्य, ड्राइवर, समय, माइलेज आदि का उल्लेख रहेगा। ये नियम पंजीकृत वाहनों के डीलरों को पहचानने और उन्हें सशक्त बनाने में सहायता करेंगे। साथ ही ऐसे वाहनों की बिक्री या खरीद के लिए धोखाधड़ी गतिविधियों के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेंगे। 


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने आज जारी की है अधिसूचना जीएसआर 901 (ई) 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने डीलरों के माध्यम से पंजीकृत वाहनों की बिक्री और खरीद में आसानी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए  एक अधिसूचना जीएसआर 901 (ई) जारी की है।

इस अधिसूचना से निम्न में प्रावधान किए जा रहे हैंप्रस्तावित नियमों के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं:

1. डीलर की प्रामाणिकता की पहचान करने के लिए पंजीकृत वाहनों के डीलरों के लिए एक प्राधिकरण प्रमाणपत्र पेश किया गया है।

2. इसके अलावा, पंजीकृत मालिक और डीलर के बीच वाहन की डिलीवरी की सूचना देने की प्रक्रिया को विस्तृत किया गया है।

3. पंजीकृत वाहनों के कब्जे वाले डीलर की शक्तियों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट किया गया है।

4. डीलरों को उनके अधिकार में मोटर वाहनों के पंजीकरण प्रमाण पत्र के नवीनीकरण/फिटनेस प्रमाण पत्र के नवीनीकरण, डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र, एनओसी, स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन करने का अधिकार दिया गया है।

5. एक नियामक उपाय के रूप में, एक इलेक्ट्रॉनिक वाहन ट्रिप रजिस्टर का रखरखाव अनिवार्य कर दिया गया है जिसमें की गई यात्रा का विवरण शामिल होगा। यात्रा का उद्देश्य, ड्राइवर, समय, माइलेज आदि।

ये नियम बिचौलियों/पंजीकृत वाहनों के डीलरों को पहचानने और उन्हें सशक्त बनाने में सहायता करेंगे और साथ ही ऐसे वाहनों की बिक्री या खरीद के लिए धोखाधड़ी गतिविधियों के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेंगे।

भारत में प्री-ओन्ड कारों का बाजार धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। हाल के वर्षों में, ऑनलाइन मार्केटप्लेस के आगमन, जो प्री-ओन्ड वाहनों की खरीद और बिक्री में शामिल हैं, ने इस बाजार को और बढ़ावा दिया है।

वर्तमान पारिस्थितिकी तंत्र में, कई मुद्दों का सामना करना पड़ रहा था। बाद के अंतरिती को वाहन के हस्तांतरण के दौरान, तीसरे पक्ष की क्षति देनदारियों के संबंध में विवाद, डिफॉल्टर आदि के निर्धारण में कठिनाई।

MoRTH ने अब प्री-ओन्ड कार बाजार के लिए एक व्यापक नियामक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अध्याय III में संशोधन किया है।

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