रायपुर, धमतरी, दुर्ग। असल बात न्यूज़ ।। 00 विशेष संवाददा ता छत्तीसगढ़ को "धान का कटोरा" कहा जाता है। आम लोग यह, सुनते हों...
रायपुर, धमतरी, दुर्ग।
असल बात न्यूज़ ।।
00 विशेष संवाददाता
छत्तीसगढ़ को "धान का कटोरा" कहा जाता है। आम लोग यह, सुनते होंगे तो उनके मन में यह सवाल, जरूर उठता होगा कि छत्तीसगढ़ का आखिर धान का कटोरा कहा क्यों जाता है ? और यहां के धान-चावल की आखिर खासियत क्या है?वास्तव में छत्तीसगढ़ का "दुबराज चावल" अपने महक और जायके की वजह से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। चावल के शौकीन लोगों का यह चावल अपनी और सहज ध्यान आकर्षित लेता है।इस चावल का उत्पादन करने वाले किसानों को अच्छी आमदनी भी होती है। धमतरी जिले के नगरी में इस चावल का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।
जैविक पद्धति से तैयार होने वाले दुबराज चावल का धमतरी जिले के नगरी में बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। यहां के किसान लगभग 200 वर्षों से इसका उत्पादन कर रहे हैं।इस धान की फसल महानदी के तलहटी में li जाती है। यहां के किसान अत्यंत उत्साह के साथ इस फसल को लगाते हैं। पिछले साल इसे जीआई टैग भी मिला है, जिससे फसल की ख्याति दूर-दूर तक पहुंची है।इस सीजन में इस फसल की कटाई भी अब शुरू हो गई है और शीघ्र या धाम बाजार में पहुंचने वाला है। सबसे बड़ी बात है कि सरकार के द्वारा जिस समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी आती है उससे कई गुना अधिक मूल्य दुबराज चावल को खुले बाजार में मिल जाता है।
जब बात जायका और खुशबु की हो तो नगरी दुबराज का नाम सामने आता है। वनांचल नगरी के फरसियां के किसान श्री माधुरी लाल कश्यप भी उन किसानों में से एक हैं, जो पिछले आठ सालों से नगरी दुबराज की खेती करते आए हैं। उन्होंने बताया कि नगरी दुबराज को जीआई टैग मिलने से यह फायदा हो रहा है कि फसल पकने के पहले ही लोग दूर-दूर से उनसे सम्पर्क साध रहे हैं और धान एवं चावल की डिमांड रख रहे हैं।
श्री कश्यप आगे बताते हैं कि पहले जहां नगरी दुबराज धान 30 रूपये प्रति किलो में बिकता था, अब 50 रूपये प्रति किलो में बिकने लगा है। नगरी दुबराज चावल की कीमत में भी इजाफा हुआ है और वह 75 रूपये से बढ़कर 85 रूपये प्रति किलो में बिकने लगा है। फसल बिक्री के लिए अब वे स्थानीय बाजार पर ही निर्भर नहीं हैं और ना ही उन्हें इस बात की चिंता है कि उनकी फसल की सही कीमत उन्हें मिलेगी कि नहीं। गौरतलब है कि श्री माधुरीलाल कश्यप अपनी एक एकड़ के क्षेत्र में नगरी दुबराज की फसल लगाए हैं। कृषि विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में कतार रोपाई सहित उन्हें दस किलो उन्नत बीज, दो बोरी जैविक खाद और जैविक कीटनाशक, दवाईयां, वृद्धि वर्धक इत्यादि मिला। इसके अलावा सुगंधित धान लगाने से उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत आदान सहायता के रूप में दस हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इससे उन्हें और आर्थिक लाभ मिलेगा। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार भी खुशी खुशी जताया है। श्री माधुरी लाल के जैसे ही जिले के 180 किसान 180 एकड़ क्षेत्र में नगरी दुबराज की फसल ले रहे हैं। नगरी दुबराज को जीआई टैग मिलने के बाद निशिं्चत ही इन सभी किसानों को काफी फायदा हो रहा है।