पास्को एक्ट में सुनाई गई 20 साल की सजा

 रायपुर।

असल बात न्यूज़।। 

नाबालिग बालिका से दुष्कर्म करने के आरोपी को न्यायालय ने दोष सिद्ध पाए जाने पर 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर ₹50000 का अर्थदंड भी अधिरोपित किया गया है और यह अर्थदंड अदा न करने पर उसे 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रथम फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय रायपुर श्रीमती शुभ्रा पचौरी के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है। अभियुक्त के द्वारा अदा की गई अर्थदंड की राशि अभियोक्त्री को पुनर्वास हेतु प्रतिकर के रूप में प्रदान की जाएगी। न्यायालय ने इस प्रतिकार की राशि को अपर्याप्त मानते हुए पीड़िता को अलग से प्रतिकार की राशि प्रदान करने हेतु अनुशंसा की है। 

यह  रायपुर जिले के खमतराई थाना क्षेत्र के अंतर्गत दिसंबर 2019 का मामला है। मामले के तथ्य इस प्रकार है कि पीड़िता, अभियुक्त की रिश्तेदार ही है। घटना के दिन वह रात में 9:00 बजे के आसपास एक मंदिर के पीछे अपने किसी मित्र से  बात कर रही थी तो आरोपी वहां पहुंच गया और उसने उसके मित्र को डरा धमका कर मारपीट कर भगा दिया। उसके बाद उसे साथ नहीं चलने पर पैर काटने की धमकी देकर अपने साथ ले गया और एक भवन की छत पर ले जाकर उसके साथ दो बार दुष्कर्म किया। पीड़िता ने स्थानीय खमतराई थाने में जाकर घटना की लिखित में शिकायत दर्ज कराई। 

न्यायालय ने मामले में विचरण के पश्चात दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त को बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।