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भाजपा शासन काल मे करोड़ो के स्काई वाक जनता के पैसों की बर्बादी के साथ साथ बड़ा भ्र्ष्टाचार-सत्यनारायण शर्मा

  रायपुर के विवादित स्काई वॉक की जांच अब एसीबी व ईओडब्ल्यू करेगी. स्काई वॉक मामले की जांच एसीबी और ईओडब्लू करेगी। इस मामले में प्रथम दृष्टय...

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रायपुर के विवादित स्काई वॉक की जांच अब एसीबी व ईओडब्ल्यू करेगी. स्काई वॉक मामले की जांच एसीबी और ईओडब्लू करेगी। इस मामले में प्रथम दृष्टया अनियमितता पाए जाने के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला किया है। इसके अनुसार 77 करोड़ की परियोजना का जानबूझकर 2 बार इस्टीमेट तैयार किया गया ताकि पीएफआईसी से मंजूरी की जरूरत न रहे। पीएफआईसी के जरिए किसी भी परियोजना के जनहित के संबंध में परीक्षण किया जाता है। स्काई वॉक निर्माण के मामले में ऐसा नहीं किया गया है। बता दें कि तीन महीने पहले कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने अधूरे स्काई वॉक की जांच के लिए सीएम बघेल को ज्ञापन सौंपा था। विधानसभा निर्वाचन 2018 की अधिसूचना जारी होने के दौरान ही लोक निर्माण विभाग की ओर से पुनरीक्षण प्रस्ताव तैयार कर 5 दिसंबर 2018 को वित्त विभाग को भेजा गया, जो आचार संहिता का उल्लंघन है। स्पष्ट है कि यह काम विभाग के कुछ अधिकारियों और ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है।

दो बार तैयार किया गया था इस्टीमेट

• 2015 में फ्लाईओवर का बना प्लान, अनुमानित खर्च 650 करोड़ था। • निर्माण से ज्यादा खर्च मुआवजे पर था इसलिए सरकार पीछे हट गई। • लगभग एक साल तक यहां फुट ओवरब्रिज बनाने की चर्चा होती रही। • इसी दौरान स्काई वॉक का प्लान लांच कर दिया गया।

स्काई वॉक 49 करोड़ के बजट से शुरू, 77 करोड़ पर पहुंच गया।

अब तक बन चुकी है तीन समिति

सड़कों पर पैदल चलनेवालों का सर्वे इंडिया वॉइस ने किया। जिसमें लोगो ने बताया कि भाजपा शासनकाल में बने स्काई वाक में जनता के पैसों की बर्बादी हुई है,भ्र्ष्टाचार हुआ है।

• रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया गया। • सुझाव समिति ने भी रिपोर्ट सरकार को सौंपी।

• सीएस की अध्यक्षता में तकनीकी समिति बनी। • बाद में राजनीतिज्ञों, विशेषज्ञों और शहर के

★ कमेटी ने स्काई वॉक के दूसरे उपयोग को प्रबुद्ध लोगों की हाई पॉवर कमेटी बनी। लेकर सुझाव दिए थे।

दूसरे उपयोग के दिए थे सुझाव

• स्काई वॉक पर लगभग 35 करोड़ रुपए,खर्च हो चुके हैं।

• 22 सदस्यीय कमेटी के चेयरमैन विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि स्काई वाक में भ्र्ष्टाचार हुआ है जनता के पैसों कि बर्बादी हुई है, उसमें जो सारे तथ्य मिले हैं, उसका परीक्षण कराएंगे। अभी जांच भी शुरू नहीं हुई और कह रहे हैं कि फंसाया जा रहा है।