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सोलह प्रतिशत आरक्षण नहीं तो, सामाजिक कार्यक्रमों में नेता इत्यादि अतिथि नहीं, गुंडरदेही में निमंत्रण निरस्त करने की चर्चा

  रायपुर, दुर्ग। असल बात न्यूज़।।  राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग को 16% आरक्षण देने की मांग तेज होती जा रही है। यह मांग पूरी नहीं होने पर समा...

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 रायपुर, दुर्ग।

असल बात न्यूज़।। 

राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग को 16% आरक्षण देने की मांग तेज होती जा रही है। यह मांग पूरी नहीं होने पर समाज के द्वारा तरह-तरह से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। पता चला है कि अपनी मांगों के समर्थन में समाज के द्वारा राजनीतिक दलों के नेताओं का सामाजिक कार्यक्रमों में बहिष्कार किया जाना शुरू कर दिया गया है। अभी गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र में इसी तरह का मामला सामने आया है जिसकी पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है।

प्राप्त जानकारी छत्तीसगढ़ राज्य में आरक्षण के मामले को लेकर अनुसूचित जाति वर्ग में काफी नाराजगी बढ़ती जा रही है। समाज के लोगों के शिकायत है कि अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 16% से कम कर दिया गया है जबकि इसके प्रतिशत को और बढ़ाने की मांग की जा रही थी। इस तरह से छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा है। 

राज्य में अभी गुरु घासीदास जयंती धूमधाम से मनाने की तैयारियां की जा रही है। गांव में गांव में गुरु घासीदास जयंती पर भव्य कार्यक्रम समारोह आयोजित किए जाते हैं। जानकारी सामने आई है कि अनुसूचित जाति वर्ग को 16% आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर गुरु घासीदास जयंती समारोह में अतिथियों का निमंत्रण विरोध जताया जा रहा है। अभी गुडल ही विधानसभा क्षेत्र में इस तरह की जानकारी सामने आई है। वहां तहसील स्तर पर आयोजित गुरु घासीदास जयंती समारोह में आमंत्रित अतिथि का निमंत्रण स्थगित कर देने की जानकारी सामने आई है।

ऐसे मामले सामने आने के साथ लग रहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में आरक्षण का मुद्दा बड़ी तेजी से गर्म होता जा रहा है। हो सकता है कि आगे चलकर इस को राजनीतिक हवा भी मिलने लगे। गुंडरदेही भी गुरु घासीदास जयंती समारोह के अतिथि का निमंत्रण लिस्ट कर देने का मामला काफी चर्चा में आ रहा है। जानकारी मिली है कि यहां जिला स्तर पर निर्णय लेकर सामाजिक कार्यक्रमों में नेता इत्यादि को कार्यक्रमों में अतिथि  के रूप में नहीं बुलाया जाएगा। पता चला है कि इसी वजह से गुरु घासीदास जयंती समारोह में भी नेता को अतिथि बनाने का निमंत्रण निरस्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि समाज के द्वारा इसके लिए प्रस्तावित अतिथि को खेद सहित एक पत्र भेजकर समाज के निर्णय से अवगत कराया गया है।