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उत्तर प्रदेश: मैनपुरी में सुबह नौ बजे तक 7.08 फीसदी वोट पड़े

   लखनऊ.   मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के तहत सोमवार को सुबह सात बजे से शुरू हुए मतदान में नौ बजे तक कुल 17,42,948 मतों में से सात प्रतिशत से ...

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 लखनऊ.   मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के तहत सोमवार को सुबह सात बजे से शुरू हुए मतदान में नौ बजे तक कुल 17,42,948 मतों में से सात प्रतिशत से अधिक मत पडे।
इसी तरह, रामपुर में 3.88 लाख वोटों में से 3.97 प्रतिशत और खतौली में 6.9 प्रतिशत मतदान हुआ, यहां विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने कहा कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चलेगा। मतगणना आठ दिसंबर को होगी।
अधिकारियों ने कहा कि एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में 24.43 लाख मतदाता छह महिलाओं सहित 30 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि 1,945 मतदान केंद्रों में बनाए गए 3,062 मतदान बूथ पर मतदान हो रहा है। उन्होंने कहा, “चुनाव प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखने के लिए तीन सामान्य, व्यय और पुलिस पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। इसके अलावा 288 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 48 जोनल मजिस्ट्रेट और 636 माइक्रो पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है।”
पुलिस सूत्रों ने बताया कि संवेदनशील मतदान केंद्रों की ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
इससे पूर्व मैनपुरी लोकसभा सीट के साथ ही रामपुर सदर और खतौली विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने कहा कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चलेगा। मतगणना आठ दिसंबर को होगी।
अधिकारियों ने कहा कि एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में 24.43 लाख मतदाता छह महिलाओं सहित 30 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
मैनपुरी में जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी रघुराज प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी डिंपल यादव को चुनौती दे रहे हैं। यहां पुलिस समेत 17 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव सांसद, सपा संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद आवश्यक हो गया था। मैनपुरी को सपा का गढ़ माना जाता है, जिसे पार्टी 1992 से कभी नहीं हारी थी।
सपा ने इस बार सहानुभूति कार्ड पर भरोसा करते हुए इस सीट से अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा है। दरअसल, अखिलेश ने भी इस सीट पर डिंपल के लिए समर्थन मांगते हुए खूब प्रचार किया था। यहां तक ​​कि उन्होंने अपने चाचा शिवपाल यादव से भी समझौता कर लिया, जिनकी विधानसभा सीट जसवंत नगर मैनपुरी लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है।
दूसरी ओर हाल ही में सपा और उसके वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां का गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में मिली सफलता से उत्साहित भाजपा इस किले को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पार्टी ने अपनी कोशिशों के तहत मैनपुरी से कभी शिवपाल के करीबी माने जाने वाले रघुराज शाक्य को मैदान में उतारा है।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां मैनपुरी में दो रैलियां कीं, वहीं प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का जत्था वहां लगभग डेरा डाले बैठा रहा।
रामपुर सदर विधानसभा सीट पर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के लिए दांव ऊंचे हैं। यहां सपा ने आजम के करीबी रहे असीम राजा को प्रत्याशी बनाया है। आजम के लिए दांव भी ऊंचे हैं क्योंकि 2019 के अभद्र भाषा मामले में तीन साल की सजा के बाद विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव की आवश्यकता थी।
रामपुर में आजम ने भाजपा सरकार द्वारा अपने साथ किए गए अन्याय का हवाला देते हुए मतदाताओं से भावनात्मक अपील की। हालांकि इसने उन्हें संकट में डाल दिया है क्योंकि आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं।
आजम के साथ सपा प्रमुख अखिलेश, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने भी असीम रजा के पक्ष में प्रचार किया है। यहां भाजपा ने आजम के धुर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी आकाश सक्सेना उर्फ ​​हनी को मैदान में उतारा है।
आकाश न केवल आजम के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, बल्कि सपा के वरिष्ठ नेता के खिलाफ दर्ज अधिकांश मामलों में शिकायतकर्ता भी हैं। विधानसभा चुनाव में आकाश आजम से 55,141 मतों के अंतर से हार गए थे। लेकिन, भाजपा इस बार आजम का किला तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है क्योंकि उसने सीएम योगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी समेत कई वरिष्ठ नेताओं की रैलियां कीं।
मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी राजकुमारी सैनी और रालोद प्रत्याशी मदन भैया के बीच सीधा मुकाबला है। इस सीट पर उपचुनाव बीजेपी उम्मीदवार के पति और मौजूदा विधायक विक्रम सिंह सैनी की अयोग्यता के कारण जरूरी हो गया है।
मुजफ्फरनगर जिले के कवल कस्बे में 2013 में हुए दंगों के सिलसिले में विक्रम सिंह को एक साल की सजा सुनाई गई थी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से बड़ी संख्या में मतदान करने का आग्रह किया और लिखा “सुरक्षा, विकास, कानून और व्यवस्था के लिए वोट करें।”