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संसद से सड़क तक फॉर्म में लौटीं सोनिया गांधी! अब 12 दलों के साथ

  कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इन दिनों संसद से लेकर सड़क तक ऐक्टिव दिखाई दे रही हैं। पिछले दिनों उन्होंने संसद से वॉकआउट कर लिय...

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कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इन दिनों संसद से लेकर सड़क तक ऐक्टिव दिखाई दे रही हैं। पिछले दिनों उन्होंने संसद से वॉकआउट कर लिया था और इसमें उन्हें 18 दलों के सांसदों का साथ मिला था। अब एक बार फिर से वह चीन के अतिक्रमण पर चर्चा की मांग को लेकर सड़कों पर उतरी हैं। उनकी मांग पर कांग्रेस समेत 12 दलों के सांसदों ने बुधवार को संसद के बाहर प्रदर्शन किया। सोनिया गांधी ने कहा कि आखिर सरकार चीनी घुसपैठ पर चर्चा से क्यों बच रही है। उन्होंने कहा कि इस मसले पर बोलना चाहिए। इसके अलावा सरकार यह भी जवाब दे कि चीन की हरकत का जवाब आर्थिक पाबंदियों के साथ क्यों नहीं दिया जा रहा।

सोनिया गांधी ने पहले तो पार्टी सांसदों के साथ बैठक की और फिर गांधी प्रतिमा के पास जाकर सांसदों के साथ प्रदर्शन करने लगीं। इसी दौरान 11 और दलों के सांसद आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस तरह हाल के दिनों में सोनिया गांधी दूसरी बार विपक्ष का नेतृत्व करती दिखीं। सोनिया गांधी ने कहा, 'यह सरकार चीन पर चर्चा न कराने पर क्यों अड़ी है। सदन और जनता चीन से झड़प की असलियत जानना चाहते हैं। सरकार आखिर चीन को आर्थिक पाबंदियों के साथ जवाब क्यों नहीं दे रही है।'

संसद के शीत सत्र की शुरुआत 7 दिसंबर से हुई है और 9 दिसंबर को तवांग में अतिक्रमण की घटना हुई थी। इस दौरान भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मसले पर संक्षिप्त बयान दिया था, लेकिन सरकार का कहना है कि खुद पीएम मोदी को इस पर विस्तार से सदन को बताना चाहिए। इसके अलावा सदन में इस पर गंभीर चर्चा भी होनी चाहिए। हालांकि सरकार का कहना है कि इस पर ज्यादा बात करना सुरक्षा की संवेदनशीलता के लिहाज से ठीक नहीं है। इस मसले पर लगातार संसद की कार्यवाही स्थगित हो रही है।

एक तरफ विपक्ष चर्चा पर अड़ा है तो वहीं सरकार इस मांग को गैरजरूरी बता रही है। हालांकि इस पूरे मुद्दे ने कांग्रेस को जरूरत ताकत दी है, जो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के बहाने विपक्ष को अपनी छतरी के नीचे एकजुट करने में सफल रही है। खास बात यह है कि सोनिया गांधी ने यह कमान संभाली है और किसी भी विपक्षी दल के सांसद के लिए उनके नेतृत्व को स्वीकार करने में दिक्कत नहीं है। एक तरफ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे हो चले हैं तो वहीं सोनिया गांधी भी ऐक्शन मोड में दिख रही हैं। इस तरह गांधी परिवार लंबे अरसे बाद फ्रंट फुट पर दिख रहा है।