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स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में काशी तमिल संगम पर नरेंद्र मोदी के लाइव शो का आयोजन

  भिलाई। असल बात न्यूज़।।  उत्तर प्रदेश के वाराणसी में  तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों का जश्न मनाने के उद्देश्य से आयोजित   ...

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भिलाई।

असल बात न्यूज़।। 

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों का जश्न मनाने के उद्देश्य से आयोजित  एक महीने तक चलने वाले कार्यक्रम 'काशी तमिल संगम' के एक दिन के कार्यक्रम को स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में यूजीसी सेल के संयोजन से यहां के छात्राओं को लाइव दिखाया गया।इस कार्यक्रम के माध्यम से देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षा केंद्र के सदियों पुराने संबंधों का जश्न मनाया जा रहा है। 

 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसके उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कहा है कि भारत में विभिन्न संस्कृति एवं कला का संगम है यह एक भारत श्रेष्ठ भारत को दर्शाता है काशी का तबला एवं  तमिलनाडु का मृदंग प्रसिद्ध है काशी के तुलसीदास एवं तमिलनाडु के तिरुवल्लुवर कवि एवं साहित्यकार प्रसिद्ध है यह काशी एवं तमिल को जोड़ता है वहां की संस्कृति एवं कला को जोड़ता है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन तमिलनाडु में पैदा हुए एवं बीएचयू के कुलपति रहे हैं वैसे ही तमिलनाडु में सुब्रमण्यम भारती जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे हैं जिन्होंने दोनों राज्यों की संस्कृति को एक सूत्र में बांधने का काम किया काशी तमिल संगम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य है दोनों की संस्कृति एवं साहित्य कला आदि को समझते हुए एकता के सूत्र में देश को बांधना है गंगा जमुना सरस्वती सभी नदियों के संगम एवं संस्कृति को समझना एवं उनको महत्व देना है तथा भारतीय संस्कृति को पहचानना है इस देश को एकता सूत्र में बांधना है काशी तमिल संगम  देश को एकता के सूत्र में बांधता है भारत विविधताओं का देश है विविधता में एकता भारत की पहचान है भारत की जड़ों से हमें जुड़ना है हम भगवान मुर्गन स्वामी को भी मानते हैं तथा काशी विश्वनाथ को भी हम पूजते हैं रामायण एवं महाभारत के साथ राजा जी का रामायण पढ़ कर देखिए रामानुजम रामानुचार्य शंकराचार्य तिरुवल्लुवर जैसे महान लोगों के योगदान को हम समझ सकते हैं जिन्होंने सबको जोड़ कर रखा है तमिल भाषा सबसे प्राचीन भाषा है उस पर हमें गर्व होना चाहिए। महाविद्यालय के सीईओ डॉ दीपक शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम के द्वारा हम विद्यार्थियों को विभिन्न संस्कृति से जोड़ सकते हैं एकता के सूत्र में बांध सकते हैं कार्यक्रम के लिए यूजीसी कमेटी को बधाई दीl

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि भारत विभिन्न धर्म संस्कृति भाषा एवं कला का देश है हमे सभी संस्कृति का आदर करना चाहिए काशी इन तमिल संस्कृति का संगम विहार में जोड़कर रखेगा एक सूत्र में बांधने का कार्य करेगा तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत का दर्शन कराता है महाविद्यालय के उपप्राचार्य डॉ हुसैन ने कहा कि प्रशिक्षणार्थियों के लिए यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी रहा इस प्रकार के कार्यक्रम के द्वारा हम भारत को एक भारत श्रेष्ठ भारत बना सकते हैं इस कार्यक्रम का संयोजन शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉक्टर शैलजा पवार ने किया इस अवसर पर शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर पूनम निकुम विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी डॉ शमा बैग विभागाध्यक्ष रसायन डॉ रजनी मुदलियार सहायक प्राध्यापक डॉक्टर दुर्गावती मिश्रा सहायक प्राध्यापक डॉ मंजू कनौजिया एवं विद्यार्थी उपस्थित थेl