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स्वामी श्री स्वरुपानंद महाविद्यालय के छात्रों ने किया शैक्षणिक भ्रमण’

  भिलाई। असल बात न्यूज़।।  स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों द्वारा एक दिवसीय शैक्षण...

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 भिलाई।

असल बात न्यूज़।। 


स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों द्वारा एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम सेक्टर छः अक्षयपात्र एवं पांडियन बेकरी सेक्टर दस में संपन्न हुआ।

शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को जीवाणु रहित गुणवत्ता युक्त भोजन स्टीम विधि से बनाने की प्रक्रिया से अवगत कराना था। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ, शमा ए बेग, विभागाध्यक्ष सूक्ष्मविज्ञान ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण से विद्यार्थी प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त करते है।और बाह्रय जगत के सीधे संपर्क में आते है व अपने अनुभवों से प्रत्यक्ष सीखते है।

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारणीय  अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने विज्ञान विभाग की इस पहल को छात्रों के लिये लाभकारी बताया एवं प्रशंसा की प्राचार्य डॉ.हंसा शुक्ला ने विषय के व्यावहारिक ज्ञान हेतु शैक्षणिक भ्रमण को आवश्यक बताया।

छात्रों ने सेक्टर छः भिलाई स्थित अक्षयपात्र में भाप द्वारा भोजन का निर्माण देखा, सब्जियों की साफ करने की मशीनरी देखी, बर्तनों को गर्म पानी से धो कर निजर्मीकृत करग, पके हुये भोजन को निजर्मीत बर्तनों में स्थानांतरण करना एवं उन्हें निर्धारित स्थल तक पहुॅंचाना। भोजन का परीक्षण करना भी विद्यार्थियों ने सीखा। अक्षय पात्र के माइक्रोबायोलॉजिस्ट श्री विकास जी ने बताया कि संस्थान द्वारा निर्मित भोजन दुर्ग.भिलाई के अधिकांश ग्रामीण इलाके के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के प्रभारी ने भगवत गीता के बारे में बताते हुये छात्रों को नैतिक मूल्यों के साथ जीवन जीने की राह बताई।

छात्रों ने पांडियन बेकरी सेक्टर दस में अपनी सैद्धांतिक पढाई का प्रायोगीकरण देखा और विधि की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने केक बनाना, ब्रेड बनाना, बेकिंग, आईसिंग मिक्सिंग, कटिंग प्रक्रिया को जाना एवं मशीनों से अवगत हुये। 

इस शैक्षणिक भ्रमण में बीएससी माइक्रोबायोलॉजी, जीवविज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी तथा एमएससी माईक्रोबायोलॉजी के छात्र.छात्राओं सम्मिलित हुए।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगिता लोखण्डे सहायक प्राध्यापक सूक्ष्मजीवविज्ञान तथा अमित कुमार साहू सहायक प्राध्यापक सूक्ष्मजीव विज्ञान का महत्वपूर्ण योगदान रहा।