Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

इब्राहिम के प्रधानमंत्री बनने पर मलेशिया में जश्न का माहौल

    कुआलालंपुर .  मलेशिया में अनवर इब्राहिम के समर्थकों ने उनके प्रधानमंत्री बनने पर जमकर जश्न मनाया, उनके समर्थकों की नए प्रधानमंत्री के ...

Also Read

 


 कुआलालंपुर .  मलेशिया में अनवर इब्राहिम के समर्थकों ने उनके प्रधानमंत्री बनने पर जमकर जश्न मनाया, उनके समर्थकों की नए प्रधानमंत्री के रूप में श्री इब्राहिम की नियुक्ति का लंबे समय से इंतजार था।
दक्षिण पूर्व एशियाई देश में पिछले सप्ताहांत हुए आम चुनाव के बाद उत्पन्न हुए राजनीतिक गतिरोध में वहां के राजा ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें देश का 10वां प्रधानमंत्री नामित किया था, जिसके बाद 75 वर्षीय विपक्षी नेता श्री इब्राहिम ने गुरुवार को देश के शीर्ष पद की शपथ ली।
गौरतलब है कि विपक्ष के रूप में श्री इब्राहिम लगभग तीन दशक बिता चुके हैं और उनके लिए यह एक उल्लेखनीय वापसी है। उन्हें अनैतिक संबंधों और भ्रष्टाचार के आरोपों में 10 वर्ष जेल में रहना पड़ा। जिसे उन्होंने राजनीति से प्रेरित करार दिया था।
पाकतन हरपन (पीएच) गठबंधन के प्रमुख श्री इब्राहिम ने मलेशिया के शासक सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह के समक्ष देश और लोगों की सेवा करने का संकल्प लिया। इस समारोह में श्री अनवर के राजनीतिक सहयोगी भी मौजूद रहे।
श्री इब्राहिम ने 1993 से 1998 तक बारिसन नेशनल सरकार (बीएन) में पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के अधीन उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था। श्री महाथिर से मतभेद के बाद श्री अनवर ने पीपल्स जस्टिस पार्टी का गठन किया और बाद में कई राष्ट्रीय चुनावों में चुनाव लड़ा। उन्होंने बीएन में अपने राजनीतिक जीवन के दौरान संस्कृति, युवा एवं खेल, शिक्षा, कृषि और वित्त के विभागों को संभाला था।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि “जब हमारे 10वें प्रधानमंत्री की घोषणा हुई तब मैं हवाई अड्डे पर था। मैंने लोगों को खुशी से चिल्लाते हुए सुना और लोगों को एक दूसरे से गले मिलते हुए देखा।”
श्री अनवर 2004 में अनैतिकता के आरोप में बरी होने में कामयाब रहे, लेकिन 2015 में इसी प्रकार के आरोपों में उन्हें फिर से जेल जाना पड़ा। वर्ष 2018 में जेल से उन्होंने सभी विपक्षी दलों से समन्वय कर एक विपक्षी गठबंधन बनाया। उस समय श्री इब्राहिम को आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री नामित किया गया था, लेकिन श्री महातिर के साथ फिर से संघर्ष होने के बाद उनकी सरकार गिर गई उन्हें फिर से पद से वंचित होना पड़ा। अस्थिरता के बीच, नजीब का यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गनाइजेशन (यूएमएनओ), जिसे मतदाताओं ने 2018 के मतदान में खारिज कर दिया था।