दुनिया की आबादी मंगलवार को 8 अरब हो गई है. संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक जनसं...
दुनिया की आबादी मंगलवार को 8 अरब हो गई है. संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक जनसंख्या 2030 में लगभग 8.5 बिलियन, 2050 में 9.7 बिलियन एवं 2100 में 10.4 बिलियन तक बढ़ सकती है. दुनिया में लगातार बढ़ती जनसंख्या और कम होते संसाधनों के बीच यूएन की इस रिपोर्ट को बेहद अहम माना जा रहा है.
सोमवार को जारी वार्षिक विश्व जनसंख्या संभावना रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैश्विक आबादी 1950 के बाद से अपनी सबसे धीमी दर से बढ़ रही है, जो 2020 में 1 फीसदी से भी कम हो गई है. जबकि, वैश्विक जनसंख्या को 7 से 8 बिलियन तक बढ़ने में 12 साल लगे यानि एक अरब की जनसंख्या बढ़ने में 12 साल लगे. वहीं, इसे 9 बिलियन तक पहुंचने में लगभग 15 साल लगेंगे. यह एक संकेत है कि वैश्विक जनसंख्या की समग्र विकास दर धीमी हो रही है.
संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की आबादी 8 अरब तक पहुंचने में सबसे ज्यादा योगदान एशियाई देशों भारत और चीन का है. भारत और चीन दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं. रिपोर्ट के अनुसार, भारत साल 2023 तक आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि का आधे से अधिक केवल 8 देशों कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया में केंद्रित होगा. दुनिया के सबसे बड़े देशों में असमान विकास दर आकार के आधार पर उनकी रैंकिंग को फिर से व्यवस्थित करेगी. जनसंख्या वृद्धि आंशिक रूप से मृत्यु दर में गिरावट के कारण होती है. विश्व स्तर पर, 2019 में औसत उम्र 72.8 वर्ष थी. 1990 के बाद से लगभग 9 वर्षों की औसत उम्र में वृद्धि हुई. मृत्यु दर में और कमी के परिणामस्वरूप 2050 में वैश्विक स्तर पर औसत उम्र लगभग 77.2 वर्षों होने का अनुमान है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक निकाय को 2080 तक दुनिया की आबादी दस अरब तक पहुंचने की उम्मीद नहीं है. 1800 के बाद से दुनिया की आबादी अनुमानित एक अरब से आठ गुना बढ़कर आठ अरब हो गई है. एएफपी की रिपोर्ट में यह इंगित करते हुए बताया गया कि 1962 और 1965 के बीच विश्व जनसंख्या वृद्धि 2.1 प्रतिशत के उच्च स्तर से गिरकर 2020 में एक प्रतिशत से कम हो गई. संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया कि प्रजनन दर में निरंतर गिरावट के कारण यह आंकड़ा 2050 तक लगभग 0.5 प्रतिशत तक गिर सकता है. बताया गया कि पिछले कुछ वर्षों में, संयुक्त राष्ट्र ने 5, 6 और 7 अरब तक पहुंचने वाली दुनिया की आबादी के मील के पत्थर का जश्न मनाने के लिए बच्चों का चयन किया है.

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