दुर्ग: ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ दुर्ग पुलिस की कार्यवाई लगातार जारी है. पुलिस ने अब तक 7 ब्रांच को ध्वस्त करने में सफलता पाई है. इस मामले द...
दुर्ग: ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ दुर्ग पुलिस की कार्यवाई लगातार जारी है. पुलिस ने अब तक 7 ब्रांच को ध्वस्त करने में सफलता पाई है. इस मामले दो ब्रांच दिल्ली के साकेत इलाके के किराये के मकान में संचालित किए जा रहे थे. जिसमें दुर्ग भिलाई राजनांदगांव के 15 बेरोजगार युवक शामिल थे. वहीं एक युवक महावीर सिंह अमृतसर पंजाब का भी शामिल हैं.ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ जब पुलिस की टीम को इनपुट प्राप्त हुई.तब टीम दिल्ली रवाना हुई. इसके बाद इन आरोपियों का पर्दाफाश किया गया हैं.
दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने इस गिरोह का खुलासा करते हुए बताया कि ये सभी लड़के ट्रेन और फ्लाइट से दिल्ली जाकर सट्टे का कारोबार संचालित कर रहे थे. मौके से पुलिस ने 6 नग लैपटॉप 30 नग मोबाईल 4 ब्रॉडबैंड 19 एटीएम सहित करीब सौ करोड़ रुपयों के लेनदेन से जुड़े हिसाब किताब की कई डायरी जब्त की गई है. पकड़े गए आरोपियों में दुर्ग भिलाई के नरेन्द्र गिल,सर्वजीत सिंह,चंद्रभूषण साहू,आकाश चौधरी,नवीन बंजारे, मोनिस सोनवानी, मो गुलरेज,जयंत सेन,अभिषक साहू, मो सोहेल,रोशन सिंह, रविन्द्र सिंह,आनंद ठाकुर,राहुल मांझी,करण धनकर (राजनांदगांव),महावीर सिंह (पंजाब) शामिल हैं.
इन दोनों ब्रांच का संचालन भिलाई के साजन उर्फ प्रेम सिंह और नरेंद्र गिल करते थे. दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि सट्टे से जुड़े इस तरह के मामलों में कई सारे बैंकों से करोड़ों रुपयों के ट्रांजेक्शन हुए हैं. इसलिए ईडी इसे मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़कर देख रही है. इसलिए पिछले दिनों ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ दुर्ग के मोहननगर थाने में दर्ज अपराध की चार्जशीट की कॉपी को ईडी की टीम ने मांगा था. जिसे पुलिस के द्वारा उपलब्ध कराया गया है. ऑनलाईन सट्टा महादेव एप का मुख्य सरगना सौरभ चंद्राकर दुबई से इस पूरे कारोबार को संचालित कर रहा है. उसके खिलाफ पुलिस ने लुकऑउट जारी किया गया था.भारत सरकार से इसके लिए पत्राचार भी हुआ है. लेकिन कुछ खामियां आने के कारण उसे फिर से लुक आउट नोटिस जारी किया गया है.