रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर। असल बात न्यूज़।। 00 व्यापार संवाददाता जीएसटी, लागू होने के बाद प्रदेश में टैक्स चोरी का नए तरह का अपराध शुरू...
रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर।
असल बात न्यूज़।।
00 व्यापार संवाददाता
जीएसटी, लागू होने के बाद प्रदेश में टैक्स चोरी का नए तरह का अपराध शुरू हुआ है। ऐसे तत्व किसी भी प्रकार के माल अथवा सेवाओं की आपूर्ति के बिना फर्जी बिल बनाने एवं नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने का काम कर रहे हैं। जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार सभी तरह की खाद्य सामग्री के साथ प्रत्येक छोटे बड़े उत्पादों में इस तरह का काम चल रहा है। केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की टीम के द्वारा ऐसे मामलों में संदिग्ध तत्वों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही हैं और अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जीएसटी का ऐसा गोरख धंधा करने वाले लोगों का अपना कोई व्यवसाय, कारोबार, फर्म अथवा उद्योग होता है। लेकिन ऐसी संस्थाएं, कुछ मैन्युफैक्चरिंग नहीं करती, कुछ निर्माण नहीं करती कोई उत्पाद तैयार नहीं करती, ना ही कोई सेवाएं प्रदान करती हैं। लेकिन कागजों में यह सब अपना बड़ा कारोबार दिखाती है, बड़ा लेनदेन दिखाती हैं। और जीएसटी के बड़े राशि का भुगतान भी करती है।
असल में ये संस्थाएं, ऐसा कागजी काम,लेनदेन दूसरी कंपनियों के लिए करती है। और इसके बाद में उन कंपनियों से बड़ा मुनाफा वसूल करती है। यह संस्थाये बिल तैयार करती हैं और बिल की राशि के जीएसटी का भी भुगतान कर देती है। लेकिन वे वास्तव में प्रोडक्ट की आपूर्ति नहीं करती। प्रोडक्ट उक्त companiyon के सिर्फ कागजों में होता है। विभिन्न मैन्युफैक्चरिंग कंपनी तथा तमाम ट्रेडर्स इसी तरह के काम कर रहे हैं।
केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क रायपुर की टीम ने ऐसे मामलों में कार्रवाई शुरू की है। पिछले दिनों मुकेश ट्रेडर्स रायपुर के परिसर में तलाशी की कार्रवाई की गई। उपरोक्त फर्म को किसी भी प्रकार माल सेवाओं की आपूर्ति के बिना फर्जी बिल बनाने एवं नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने का आरोपी पाया गया है। जांच में पता चला है कि उक्त आरोपियों के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से ऐसे काम को तेजी से बढ़ाया जा रहा था और इसमें बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ा जा रहा थ।इस फर्म के माध्यम से आरोपियों को बड़ा लाभ होने की संभावना है जिसकी जांच की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच में पता चला है कि आरोपियों के द्वारा किसी अंतरनिहित सामान और सेवाओं की आपूर्ति के बिना विभिन्न लेनदेन में लगभग 592 करोड़ों रुपए के नकली आईटीसी को पारित किया गया है। मामले में सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 (एक) (एल) (आई) के तहत कार्रवाई की गई है। अभी कर चोरी के जिस तरह से मामले बढ़ते जा रहे हैं उसमें अरबों रुपए के इसी तरह के लेनदेन होने की आशंका है।
जीएसटी कर चोरी करने और फर्जी बिलिंग के कारोबार में लिप्त करदाताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू होने से हड़कंप मचा हुआ है।
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