Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

आरबीआई की बैठक में महंगाई बड़ा मुद्दा, फिर बढ़ सकता है रेपो रेट

   रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू हो रही है. जानकारों की राय है कि महंगाई दर में लगातार हो रही ...

Also Read


 

 रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू हो रही है. जानकारों की राय है कि महंगाई दर में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई रेपो रेट में एक बार फिर इजाफा कर सकता है. गौरतलब है कि बीते दिन अमेरिका की फेडरल रिजर्व  ने इंट्रेस्ट रेट में इजाफा किया था जिसके बाद से ही कयास लगाये जाने लगे थे कि रिजर्व बैंक भी ब्याज दर बढ़ा सकता है. इससे पहले आरबीआई ने जून और अगस्त महीने में रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था.

RBI ने मई में अचानक बढ़ा दी थी ब्‍याज दर: गौरतलब है कि इसी साल मई महीने में आरबीआई ने ब्याज दर को अचानक 0.40 फीसदी बढ़ा दिया था. अब आज एक बार फिर रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एमपीसी की बैठक होगी. यह बैठक तीन दिन चलेगी. बैठक में ब्याज दरों में जो भी फैसला लिया जाएगा उसे 30 सितंबर को घोषित किया जाएगा. जानकारों की राय है कि आरबीआई रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है.

तीन साल के रिकार्ड स्तर पर पहुंच जाएगा रेपो रेट: गौरतलब है कि अभी रेपो रेट 5.4 फीसदी है. अगर आरबीआई इसमें 0.50 फीसदी का इजाफा करता है तो रेपो रेट अपने तीन साल के उच्चतम 5.9 फीसदी पर पहुंच जाएगा. बता दें. आरबीआई की ओर से रेपो रेट में मई से लेकर लेकर अब तक 1.40 फीसदी का इजाफा किया है. ये भी बता दे, फेडरल रिजर्व के ब्याज में इजाफा करने के बाद से ही जानकार रिजर्व बैंक के ब्याज दर में इजाफे का कयास लगा रहे हैं.

बढ़ती महंगाई का असर: भारत समेत पूरी दुनिया में बढ़ती महंगाई एक बड़ी समस्या बन गई है. अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के कई देश बढ़ती महंगाई से हलकान है. ऐसे में रिजर्व बैंक की आज से जो बैठक शुरू हो रही है उसमें बातचीत का केंद्र महंगाई के इर्द-गिर्द ही रहने की उम्मीद है. आंकड़ों के मुताबिक बीते महीने खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी के आसपास थी. सितंबर में खुदरा महंगाई के और बढ़ जाने की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में कई जानकार मान रहे हैं कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में इजाफा कर सकता है.