Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

गाय ही नहीं, ड्रग्स भी जा रहीं बांग्लादेश

  4096 किमी लंबे भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर कैटल से ज्यादा ड्रग्स की स्मगलिंग हो रही है। गांजा-चरस जैसी नशीली चीजें लड़कियां कपड़ों में छिपाक...

Also Read

 


4096 किमी लंबे भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर कैटल से ज्यादा ड्रग्स की स्मगलिंग हो रही है। गांजा-चरस जैसी नशीली चीजें लड़कियां कपड़ों में छिपाकर ले जाती हैं। भारत में बनने वाली खांसी की दवा फेंसेडिल की बांग्लादेश में सबसे ज्यादा डिमांड है।

वहां लोग नशे के लिए शराब से परहेज करते हैं। इसलिए वे फेंसेडिल पीकर नशा कर रहे हैं। भारत में इसकी 100 ML की बॉटल करीब 150 रुपए में मिलती है। तस्कर बांग्लादेश में इसे 1500 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक में बेच रहे हैं।

तस्करी के मॉडल को समझने भास्कर की टीम बॉर्डर पर पहुंची
ड्रग तस्करी के मॉडल को समझने के लिए भास्कर की टीम भोपाल से 1500 किमी का सफर कर भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पहुंची। हमने मुखबिर, लोकल पुलिस, BSF और इंटेलिजेंस अफसरों से बात की। ग्राउंड जीरो से इनपुट जमा किए और फिर ये रिपोर्ट तैयार की है।

बांग्लादेश के करीब बसा जालंगी तस्करी का अड्डा
मुर्शिदाबाद से करीब 50 किमी दूर जालंगी ब्लॉक बांग्लादेश बॉर्डर से एकदम सटा हुआ है। बांग्लादेश से इसकी दूरी महज 2 किमी है। लोकेशन और जियोग्राफी की वजह से यह गांव तस्करी का अड्डा बन गया है।

पद्मा नदी जालंगी और बांग्लादेश के बीच बॉर्डर जैसा काम करती है। इसके एक तरफ भारत है, तो दूसरी तरफ बांग्लादेश। नदी के दोनों ओर खेती होती है। ज्यादातर किसान जूट और केले की खेती करते हैं। जूट और केले के पेड़ इतने बड़े और घने होते हैं, कि इनमें तस्करों का छिपना आसान हो जाता है।

बॉर्डर की सिक्योरिटी के लिए BSF ने ऑब्जर्वेशन पॉइंट बना रखे हैं, लेकिन एक ऑब्जर्वेशन पॉइंट पर एक या दो जवान ही होते हैं। इनके जिम्मे 500 मीटर से एक किमी तक का इलाका होता है।