भाजपा की कार्यकारिणी में सामाजिक समरसता पर कांग्रेस का तंज

 


रायपुर  भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा के बाद कांग्रेस ने सामाजिक समरसता का तंज कसा है। कांग्रेस ने जातिगत समीकरण को आधार बनाकर निशाना साधा है। आंकड़े जारी कर कहा है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जनसंख्या के आधार पर भाजपा ने प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान नहीं दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव की नवगठित 54 सदस्य कार्यसमिति में 52 प्रतिशत ओबीसी आबादी से 12 प्रतिनिधि यानी मात्र 22 प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिला है। 32 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से सात प्रतिनिधि यानी 13 प्रतिशत और 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति वर्ग से पांच प्रतिनिधि यानी केवल नौ प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिला है।

कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा की कार्यकारिणी में 56 प्रतिशत सदस्य गैर ओबीसी, एसटी, एससी हैं, जिनकी आबादी प्रदेश में केवल तीन प्रतिशत है। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की प्रदेश कार्यकारिणी में एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग के नेताओं का प्रतिनिधित्व ज्यादा है। कांग्रेस ने दस प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किए, जिनमें सामान्य वर्ग से सिर्फ तीन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई। इसी तरह प्रदेश महामंत्री पद पर 22 नेताओं की नियुक्ति हुई थी। इसमें एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग से 15 नेता शामिल हैं। मरकाम आदिवासी वर्ग से आते हैं। वहीं, प्रदेश कार्यकारिणी में ओबीसी वर्ग को खासा महत्व दिया गया है।