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महाराजा अग्रसेन जी हमें सेवा करने की शिक्षा प्रदान की है: बृजमोहन अग्रवाल

  *• पूरे विश्व में अग्रवाल समाज की पहचान कुछ है तो परिवार है *• समाज के गरीब तबके की मदद के लिए ट्रस्ट का निर्माण करने का संकल्प करें: ...

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*• पूरे विश्व में अग्रवाल समाज की पहचान कुछ है तो परिवार है

*• समाज के गरीब तबके की मदद के लिए ट्रस्ट का निर्माण करने का संकल्प करें: बृजमोहन अग्रवाल

*• गरीब परिवारों की मदद के लिए बनेगा ट्रस्ट, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने 5 लाख रुपए देने का किया ऐलान

पत्थलगांव/जशपुर ।

असल बात न्यूज़।।

पत्थलगांव में भव्य रूप से श्री अग्रसेन स्वर्ण जयंती महोत्सव की शोभायात्रा व रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल मौजूद रहे एवं  निरंतर 50 सालों तक इस परंपरा को बनाये रखने के लिये उन्होंने समस्त अग्रवाल समाज को बधाई दी। कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने अग्रसेन जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। समाज के सभी लोगों ने झूमते गाते हुए शोभायात्रा निकाली। मंच पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। जिसके पश्चात पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरण भी किया गया। 

इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल  ने कहा कि इस परिवर्तनशील समय में पचास साल तक किसी परंपरा को बनाए रखना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन पचास वर्ष स्वर्ण जयंती मनाने के बाद क्या हम कोई संकल्प ले पाए हैं?  हम सब प्रभु राम और उनके पुत्र खुश के वंशज हैं। महाराजा अग्रसेन ने तो बली प्रथा के विरोध में इन्द्र से भी लड़ाई लड़ ली थी। लोग कहते हैं कि अग्रवाल समाज में अग्रसेन जी का वंशज कोई है तो बृजमोहन है, क्योंकि वो अग्रवाल जैसे नहीं वो क्षत्रिय जैसे लड़ता है। हम केवल अपने काम धंधे के बारे में सोचते हैं। क्या हमनें कभी सोचा है कि अग्रसेन जी पहले क्षत्रिय थे बाद में वैश्य हुए हैं। हमारे अंदर भी क्षत्रिय गुण होना चाहिए। और जिस दिन हमारे अंदर क्षत्रिय गुण आ जाएगा उस दिन कोई सरकार हमको ब्लैक मेल नहीं कर पाएगी कोई अधिकारी हमको दबा नहीं पाएगा। 


आगे श्री अग्रवाल नें कहा कि हमारे अग्रवाल समाज को पूरे विश्व में अगर किसी चीज़ के लिए पहचाना जाता है तो परिवार के कारण पहचाना जाता है,कि सयुंक्त परिवार अगर कहीं है तो अग्रवाल समाज में है। अपने बच्चों को बरहवीं तक बाहर पढ़ने मत भेजिए, इससे बच्चे पारिवारिक रिश्तों को भूल जाते हैं, परिवार के प्रति उनका लगाव कम हो जाता है। हमें इस बात का विचार करना होगा कि हमारे संस्कार क्या हैं? हमारे परिवार क्यूं टूट रहे हैं?

हमारे समाज के गरीब लोगों के लिए हम आखिर कर क्या रहे हैं? अग्रसेन जी ने एक ईंट एक मुद्रा के माध्यम से हमें ये सिखाया है कि अग्रवालों का सबसे बड़ा काम सेवा का काम है। उनके राज में कोई गरीब नहीं होता था कोई विपन्न नहीं होता था। 

श्री अग्रवाल जी आगे कहा कि मैं आपसे ये कहूंगा कि आप स्वर्ण जयंती मनाते हुए तीन काम करने का निश्चय करो, पहला गरीब कि पढ़ाई। दूसरा गरीब का इलाज। तीसरा गरीब की शादी। गरीब की मदद करने से बड़ा कोई आशीर्वाद नहीं हो सकता। जिसके लिए हमें एक ट्रस्ट बनाने की आवश्यकता है जिसमें सभी परिवार अपनी क्षमतानुसार योगदान करें। इस रकम को जमा करने के लिए आप समाज के ही गरीब बच्चे बच्चियों को रोजगार दो। 

आज हम पूरी दुनिया को पैसा बांट रहे हैं बस अपने ही समाज की चिंता नहीं कर रहे हैं। समाज के कार्यकर्मों में कमजोर अग्रवाल नहीं आता। हमें समाज को संगठित करने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे। समाज एक बस्ती को गोद लेने से शुरुआत करे। गरीब महिलाओं और बच्चियों को काम सिखाएं, उन तक सरकार योजनाओं का लाभ पहुंचाएं। अगर आज हम एक साल में भी एक बस्ती की सेवा का संकल्प लेते हैं तो आने वाले समय में वे लोग भी हमारे साथ खड़े होंगे जिन तक हमारी सहायता पहुंची है। खाली दिखावा करने से काम नहीं चलेगा। 


कार्यक्रम के अंत में पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल जी की मन बातों से प्रेरित होकर अग्रवाल सभा के अध्यक्ष मदनलाल अग्रवाल जी ने ट्रस्ट के निर्माण की घोषणा की। एवं उसके साथ-साथ 2 लाख रुपये देने की भी घोषणा की। वहीं लखीराम अग्रवाल ने 1 लाख रुपये देने की घोषणा की। अग्रवाल समाज का ये जोश देखकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल जी ने भी 5 लाख रुपये देने की घोषणा की।