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स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों की पढ़ाई पूरी करवाने शीघ्र निर्णय लेने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

  *छत्तीसगढ़ के 207 विद्यार्थी हैं प्रभावित, श्री सिंहदेव ने विगत मार्च में भी स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर किया था आग्रह  रायपुर । असल ...

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*छत्तीसगढ़ के 207 विद्यार्थी हैं प्रभावित, श्री सिंहदेव ने विगत मार्च में भी स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर किया था आग्रह 

रायपुर ।

असल बात न्यूज़।।

 छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर यूक्रेन से वापस आए मेडिकल छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी कराने के लिए शीघ्र नीतिगत निर्णय लेने का अनुरोध किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने विगत मार्च में भी उन्हें पत्र लिखकर इस संबंध में जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया था। रुस-यूक्रेन युद्ध के कारण प्रदेश के 207 मेडिकल विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़कर देश लौटना पड़ा है। 

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने अपने पत्र में कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न हुई गंभीर परिस्थितियों के कारण यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय मूल के सभी छात्र-छात्राओं को भारत सरकार द्वारा सकुशल वापस लाया गया है। बड़ी संख्या में देश वापस आए छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों के मेडिकल छात्र-छात्राओं के भविष्य एवं आगे की शिक्षा को लेकर मैंने आप से पहले भी पत्र के माध्यम से तत्काल समुचित पहल का आग्रह किया है।

श्री सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ यूक्रेन मेडिकल पैरेन्ट्स एंड स्टूडेन्ट एसोशिएशन, रायपुर का पत्र भी संलग्न कर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भेजा है जिसमें यूक्रेन से लौटे 207 छात्र-छात्राओं एवं उनके पालकों ने भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। श्री सिंहदेव ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार भी छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर समुचित कार्ययोजना के अंतिम चरण में होगी‌। उन्होंने इस संवेदनशील विषय पर शीघ्र नीतिगत निर्णय लेने का आग्रह किया है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने श्री मांडविया से अनुरोध किया है कि प्रभावित सभी छात्रों के अध्ययनरत् समयावधि को आधार मानकर देश के मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त सीटें आबंटित कर उन्हें समायोजित किया जाए जिससे प्रभावित छात्र-छात्राओं का भविष्य सुरक्षित एवं सुनिश्चित हो सके‌। इससे देश में डॉक्टरों की कमी भी दूर होगी एवं चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ जनमानस को प्राप्त हो सकेगा।