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फांसी, रेप और हत्या पर अशोक गहलोत का दावा कितना सच्चा? आंकड़े बता रहे हकीकत

   जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में कहा कि निर्भया केस के बाद रेपिस्टों को फांसी की सजा का प्रावधान किए जाने के बाद...

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 जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में कहा कि निर्भया केस के बाद रेपिस्टों को फांसी की सजा का प्रावधान किए जाने के बाद से दुष्कर्म के बाद हत्या का चलन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अब रेप के बाद बच्चियों की हत्या कर दी जाती है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनके बयान की आलोचना करते हुए कहा कि वह कानून को दोषी ठहरा रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है क्या सच में फांसी के प्रावधानों के बाद रेप के बाद हत्या का चलन बहुत बढ़ गया है? 

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि रेप के बाद हत्या के मामलों में मामूली इजाफा हुआ है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राहत की बात यह है कि रेप या गैंगरेप के बाद हत्या के मामले अब भी 1 फीसदी से कम बने हुए हैं। हालांकि, रेप के बाद सबूत मिटाने या अन्य वजह से हत्या के मामलों में कुछ इजाफा जरूर हुआ है। गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गहलोत ने कहा था फांसी की सजा का प्रावधान किए जाने के बाद से पीड़ित बच्चियों की हत्या का चलन बढ़ा है। सबूत मिटाने के लिए रेप के बाद बच्चियों की हत्या कर दी जाती है। 

भाजपा के साथ ही आम आदमी पार्टी, दिल्ली महिला आयोग और निर्भया के परिवार ने भी गहलोत के बयान की आलोचना की थी। एनसीआरबी डेटा के मुताबिक, 2017 में दुष्कर्म के जितने केस सामने आए उनमें 0.6 फीसदी की हत्या कर दी गई। 2018 में 0.85 फीसदी पीड़िताओं की हत्या कर दी गई तो 2019 में 0.9 फीसदी और 2020 में 0.81 फीसदी पीड़िताओं को मौत के घाट उतारा गया। 2017 में रेप की 31,237 घटनाएं हुईं जिसमें से 213 की हत्या कर दी गई। 2018 में 33,977 घटनाओं में 291 पीड़िताओं की हत्या की गई। 2019 में 30,641 घटनाओं में 278 की जान ले ली गई। 2020 में 26,727 केस सामने आए जिनमें 218 पीड़िताओं की हत्या की गई। 

रेप के बाद हत्या के मामलों में कुछ इजाफा जरूर है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह वृद्धि इतनी अधिक नहीं कि सख्त कानूनों को लेकर इस तरह की राय बनाई जाए। एनसीआरबी डेटा के मुताबिक, 2017-2020 के बीच गहलोत शासित राजस्थान, यूपी, एमपी और महाराष्ट्र में रेप की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आईं। इस दौरान यूपी, असम, एमपी और महाराष्ट्र में सबसे अधिक पाड़िताओं की हत्या की गई। डेटा के मुताबिक, राजस्तान में 2017 में रेप के बाद हत्या के 4 केस सामने आए। 2018 में 6, 2019 में 7 और 2020 में 8 ऐसे मामले सामने आए। वहीं, इस दौरान 2017 में 3,305 रेप केस सामने आए तो 2018 में 4,335,  2019 में 5,997,  2019 और 2020 में 5,310 केस उजागर हुए।