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स्वरूपानंद महाविद्यालय में विश्व आदिवासी दिवस पर लेखन प्रतियोगिता का आयोजन

  भिलाई । असल बात न्यूज़।। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय भिलाई में विश्व आदिवासी दिवस पर लेखन प्रतियोगिता का आयोजन सूक्ष्म जीवव...

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 भिलाई ।

असल बात न्यूज़।।

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय भिलाई में विश्व आदिवासी दिवस पर लेखन प्रतियोगिता का आयोजन सूक्ष्म जीवविज्ञान विभाग ने आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वाधान में किया जिसमें छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में विश्व आदिवासी दिवस पर लेखन प्रतियोगिता ‘‘संरक्षण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका और पारंपरिक ज्ञान का प्रसारण’’ विषय रखा गया। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ शमा ए बेग विभागाध्यक्ष सूक्ष्म जीवविज्ञान ने उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुयें कहा कि मानवाधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर महिलाओं की क्या सहभागिता है, इसको दिखाने आदिवासी महिलाओं को समाज के समकक्ष लाने यह विषय रखी गयी हैं। आदिवासी महिलाएँ हमारी प्राचीन परंपराओं को निभाते हुए प्रकृति को दोहन से बचाने और उसके संरक्षण का कार्य सदियों से कर रही है, उन्हे वैश्विक पहल पर उभारना हमारी जिम्मेदारी है। 

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने कहा कि आदिवासी महिलाएँ आदिवासी समुदाय की रीढ़ की हड्डी है। वे पारंपरिक पैतृक ज्ञान को संरक्षित कर उसके प्रसारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अतः उन्हें सम्मानित कर उनसे परंपरागत ज्ञान का विकास करना चाहिए।

महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि आदिवासी सदियों से अपनी कला, जीवनशैली, वेषभूषा और सांस्कृतिक विविधताओं को समेटे हुए जल, जंगल और जमीन के संरक्षण में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर प्रकृति को सहेजती है इसलिए उनकी भूमिका को वैश्विक स्तर पर लाना हमारा प्रयास होगा।

सुश्री योगिता लोखंडे सप्रा सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग ने अपने निबंध में उल्लेख किया कि आदिवासी महिलाएँ संस्कृति, पारंपरिक वेषभूषा व आहार के रुप में सांस्कृतिक मूल्यों को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 

बीकॉम तृतीय वर्षा की छात्रा अलफिजा खान ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओ से हमको भाषा, संस्कृति और परंपराओं की जानकारी होती है। एमकॉम की छात्रा इशा अलती ने कहा कि महिलाओं को अध्यात्म, त्याग, शक्ति व साहस का प्रतीक माना जाता है ये पारंपरिक पैतृक ज्ञान के सरंक्षण और प्रसारण में महत्वपूर्ण योगदान देेती है।

छात्र-छात्राओं ने इस विषय पर अपने विचार लेखित किये जिनमें उन्होंने आदिवासी महिलाओं की भूमिका को दर्शाया। 

लेखन प्रतियोगिता में प्रथम बीकॉम तृतीय वर्ष की अलफिजा खान, द्वितीय एमकॉम तृतीय की इशा आलती और एसएससी सूक्ष्म जीवविज्ञान तृतीय सेमेस्टर की सृष्टि सोनी व तृतीय स्थान पर बीबीए त्तीय सेमेस्टर की तेजल महिष्कार एवं एमएससी सूक्ष्मजीव विज्ञान तृतीय सेमेस्टर की रुपाली साहू रही। सद्भावना पुरस्कार बीकॉम तृतीय की निवेदिता पाटिल और एमएससी सूक्ष्म जीवविज्ञान तृतीय सेमेस्टर की जीनत अंजुम रहें।

सप्रा सुश्री योगिता लोखंडे ने अपने विचार रख लेखन में सर्वश्रेष्ठ रही।

कार्यक्रम में निर्णायक डॉ. व्ही. सुजाता, प्राचार्या जगतगुरु शंकराचार्य कॉलेज एवं श्रीमति संयुक्ता पाढ़ी सप्रा अंग्रेजी थी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में सुश्री योगिता लोखंडे सप्रा सूक्ष्मजीव विज्ञान ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। 



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