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खतरे के निशान पर पहुंचा यमुना का जलस्तर, केंद्रीय जल आयोग ने जारी की चेतावनी

   नई दिल्ली. दिल्ली से सटे राज्यों में भारी बारिश के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। दिल्ली में शुक्रवार को बाढ़ को लेकर चेतावनी जारी की ...

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 नई दिल्ली. दिल्ली से सटे राज्यों में भारी बारिश के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। दिल्ली में शुक्रवार को बाढ़ को लेकर चेतावनी जारी की गई है। केंद्रीय जल आयोग ने 'गंभीर' बाढ़ की स्थिति को लेकर चेतावनी दी है। 'गंभीर' बाढ़ चेतावनी का मतलब है कि पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 'खतरे के स्तर' को छूने या उससे अधिक होने की संभावना है। पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर खतरे के निशान यानी 205.33 मीटर पर पहुंच गया है।

दिल्ली के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा कि जलस्तर के 'खतरे' के निशान को छूने की संभावना है। इसे लेकर शुक्रवार को चेतावनी जारी की गई थी। गुरुवार रात 10 बजे तक, यमुना का जलस्तर 203.98 मीटर था, जो 'चेतावनी' स्तर 204.5 मीटर से नीचे था। शाम छह बजे जलस्तर करीब 204.12 मीटर से गिर गया था। गुरुवार सुबह नौ बजे जलस्तर का उच्चतम स्तर 204.29 मीटर दर्ज किया गया।

भीषण बाढ़ की चेतावनी जारी

1978 में पुराने रेलवे पुल पर सबसे अधिक बाढ़ का स्तर 207.49 मीटर दर्ज किया गया था। केंद्रीय जल आयोग ने भी 13 से 16 अगस्त तक पुराने रेलवे पुल पर यमुना को लेकर 'भीषण' बाढ़ की चेतावनी जारी की है। दिल्ली में जहां गुरुवार को केवल मामूली बारिश हुई, वहीं पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश हुई। गुरुवार दोपहर 2 बजे हरियाणा से यमुना में हथिनीकुंड बैराज में पीक डिस्चार्ज 221,786 क्यूसेक था।

रात 11 बजे यह डिस्चार्ज घटकर 165,527 क्यूसेक हो गया। हथिनीकुंड से निकलने वाला डिस्चार्ज डाउनस्ट्रीम दिल्ली में पानी के स्तर को निर्धारित करता है। पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर लगभग तीन दिन लगते हैं। दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने भी बाढ़ की चेतावनी जारी की है। विभाग ने सभी सेक्टर अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखने और संवेदनशील जगहों पर उचित कार्रवाई करने की सलाह दी है।

गर्मियों में पानी की कमी से जूझी थी दिल्ली

सेक्टर और जिला प्रशासन के अधिकारी आने वाले दिनों में यमुना के आस-पास रहने वाले लोगों को चेतावनी देने के लिए घोषणाएं करेंगे और क्विक रिएक्शन टीम तैनात करेंगे। इस साल नदी में लंबे समय तक सूखा पड़ा रहा, जिसकी वजह से दिल्ली को पानी की कमी से जूझना पड़ा। जून के अंत तक नदी सूख पड़ी रही, वजीराबाद में जलस्तर 203.24 मीटर के निचले स्तर पर पहुंच गया था।