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डीओटी/ट्राई मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई "अनापत्ति प्रमाणपत्र" जारी नहीं करता, ठगी के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए विभाग ने एडवाइजरी जारी की

  नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।।  डीओटी/ट्राई या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई "अनापत्ति प्रमाणपत्र" जा...

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नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।
असल बात न्यूज़।। 
डीओटी/ट्राई या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई "अनापत्ति प्रमाणपत्र" जारी नहीं करते हैं और ना ही उनके द्वारा कोई पैसा वसूल किया जाता है।दूरसंचार विभाग ने मोबाइल टावर लगाने की  धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को इसके प्रति सावधान किया है। विभाग ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि दूरसंचार विभाग/ट्राई   मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए परिसर को पट्टे पर /किराए पर लेने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कहीं शामिल नहीं है। छत्तीसगढ़ राज्य में भी ऐसे ठगी के कई मामले सामने आए हैं। खास तौर पर यहां के ग्रामीण इलाकों में लोगों को ऐसे ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।


उल्लेखनीय है कि पूरे देश में अभी मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लोगों को ठगने पैसा वसूल करने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कुछ बेईमान कंपनियां/एजेंसियां/व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के नाम पर आम जनता को मोटी मासिक किराया आदि का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं।

दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार ने मोबाइल टॉवर की स्थापना से संबंधित धोखाधड़ी पर एक सार्वजनिक advisory जारी की है।


इस एडवाइजरी में बताया गया है कि दूरसंचार विभाग/ट्राई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए परिसर को पट्टे पर /किराए पर लेने में शामिल नहीं है।डीओटी/ट्राई या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई "अनापत्ति प्रमाणपत्र" जारी नहीं करते हैं।मोबाइल टावर लगाने के लिए अधिकृत दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं (आईपी-1) की अद्यतन सूची दूरसंचार विभाग की वेबसाइट यानी https://dot.gov.in और https://dot.gov.in पर उपलब्ध है। / इंफ्रास्ट्रक्चर-प्रदाता ।

विभाग ने कहा है कि है कि यदि कोई कंपनी/एजेंसी/व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के लिए पैसे की मांग करता है तो वह अतिरिक्त सावधानी बरतें और कंपनी की साख की जांच करें। टीएसपी और आईपी-1 के संघ ने पुष्टि की है कि उनके सदस्य मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई पैसा नहीं मांगते हैं।यदि किसी व्यक्ति को ऐसी कोई धोखाधड़ी गतिविधि दिखाई देती है, तो वह स्थानीय पुलिस अधिकारियों को घटना की सूचना दे सकता है।इसके अलावा, डीओटी की स्थानीय फील्ड इकाइयों से भी संपर्क किया जा सकता है, जिनके संपर्क विवरण डीओटी की वेबसाइट https://dot.gov.in/ संबंधितलिंक्स/डायरेक्टर-जनरल-टेलीकॉम पर उपलब्ध हैं ।