Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

अच्छा होता कि, इस पद के लिए चुनाव की नौबत नहीं आती, सर्वसम्मति से होता राष्ट्रपति का चुनाव

00   विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को छत्तीसगढ़ से बड़ी उम्मीदें  00 राष्ट्रपति पद का चुनाव सर्वसम्मति से होता तो अच्छा होता  00 ...

Also Read

00 विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को छत्तीसगढ़ से बड़ी उम्मीदें 

00 राष्ट्रपति पद का चुनाव सर्वसम्मति से होता तो अच्छा होता 

00 भाजपा में भी पुराने साथी उन्हें लकीर का फकीर नहीं बनने का आव्हान

रायपुर ।

असल बात न्यूज़।। 


      00 विशेष संवाददाता


विपक्षी दल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आज यहां कहा है कि अच्छा होता कि देश में राष्ट्रपति का चुनाव होता ही नहीं सर्वसम्मति से इसका चुनाव हो जाता।  अपने चुनाव प्रचार की कड़ी में यहां पहुंचे श्री सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए उक्त आशय की बातें कही है। उन्होंने कहा कि देश को खामोश राष्ट्रपति नहीं चाहिए। राष्ट्रपति भवन में उसे पहुंचना चाहिए जो अपने संवैधानिक दायित्वों का  निर्वहन कर सकें। उन्होंने भाजपा के पुराने साथियों से भी कहा कि उन्हें लकीर का फकीर नहीं होना चाहिए, अपने विवेक से मतदान करना चाहिए। 

विपक्षी सहयोगी दल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यहां आगे कहा कि राष्ट्रपति का पद गरिमा का पद है। इस पद पर सर्वसम्मति से चुनाव कराने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है। जो सरकार में हैं उन्हें इसके लिए प्रयास करना चाहिए था। अभी सत्ता पक्ष के लोगों के द्वारा इसकी औपचारिकता निभाने की कोशिश की गई। विपक्ष के एक दो लोगों को फोन किया गया। राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा ? नाम नहीं बताया गया। उन्होंने बताया कि केंद्र में विपक्षी दलों की औपचारिक मीटिंग हुई वहां राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए मेरे नाम के बारे में चर्चा हुई। मुझसे इस बारे में पूछा गया तो मैंने हां कर दिया। इसके बाद में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रहे हैं। राष्ट्रपति के ढेर सारे कर्तव्य भी निर्धारित है। संविधान में उनके दायित्वों को बताया गया है। उन्होंने कहा कि देश में कई ऐसे राष्ट्रपति हुए हैं जिन्होंने इस पद की गरिमा, शोभा को बढ़ाया है। कभी-कभी ऐसा भी हुआ है कि खामोश राष्ट्रपति बन  गए। और राष्ट्रपति पद पर बैठे व्यक्ति को जो जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए उन्होंने इन दायित्वों का निर्वहन नहीं किया। इस पद पर ऐसे व्यक्ति को चुना जाना चाहिए जो अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर सकें। 

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और केंद्र में पूर्व में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके श्री सिन्हा ने कहा कि देश, वर्तमान में विकट स्थिति से जूझ रहा है। चारों तरफ अशांति का वातावरण दिख रहा है। उन्हें लगता कि इसके मूल में एक विचारधारा काम कर रही है, जिसकी संविधान, इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा कि जब अशांति फैलाने वाली ताकतों को सरकार से समर्थन मिलता है, बढ़ावा मिलता है तो एक मुश्किल  भरे हालात पैदा हो जाते हैं जैसा अभी देश में दिख रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे संकट भरे हालात में आज हमें ,"खामोश" राष्ट्रपति नहीं चाहिए। बल्कि राष्ट्रपति पद के संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने वाला योग्य कुशल राष्ट्रपति चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस आशा व विश्वास  के साथ इस पद का चुनाव लड़ रहे हैं कि वे इस दायित्व का कुशलता पूर्वक निर्वहन कर सकेंगे।

छत्तीसगढ़ से बहुत उम्मीद  

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार श्री सिन्हा ने कहा कि उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य से बड़ी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से भी उनका इसलिए गहरा नाता और लगाव है कि उनकी, भिलाई में शादी हुई है। वे पहले भी जब जब छत्तीसगढ़ आए हैं उन्हें यहां के लोगों का बहुत स्नेह मिला है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस पद के चुनाव में भी उन्हें छत्तीसगढ़ से बहुत स्नेह मिलेगा। भाजपा में भी उनके मित्र हैं पुराने साथी हैं। उन्होंने इन साथियों से आह्वान करते हुए कहा कि चुनाव में विवेक का प्रयोग करना चाहिए। लकीर का फकीर नहीं होना चाहिए। 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम भी उपस्थित थे।