आज चार देशों के ग्रुप आई2यू2 (I2U2) समूह का पहला शिखर सम्मेलन हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसकी पहली बैठक में शामिल हुए। I2U2 समूह ...
आज चार देशों के ग्रुप आई2यू2 (I2U2) समूह का पहला शिखर सम्मेलन हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसकी पहली बैठक में शामिल हुए। I2U2 समूह देशों के नेताओं की इस पहली बैठक में पीएम मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, इजराइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक को संयुक्त निवेश और जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा में नई पहल पर विशेष ध्यान देने के लिए बुलाया गया था।
इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि इस पहली समिट से ही I2U2 ने एक सकारात्मक एजेंडा तय कर लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने कई क्षेत्रों में संयुक्त प्रोजेक्ट की पहचान की है, और उनमें आगे बढ़ने का रोडमैप भी बनाया है। बढ़ती हुई वैश्विक अनिश्चिताओं के बीच हमारा कॉपरेटिव फ्रेमवर्क व्यावहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल है। मुझे पूरा विश्वास है कि I2U2 से हम वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।
किसने क्या कहा?
I2U2 समूह की पहली नेताओं की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं उनमें तेजी से जलवायु संकट या बढ़ती खाद्य असुरक्षा शामिल है। यूक्रेन के खिलाफ रूस के क्रूर हमले ने अस्थिर बाजारों को और भी बदतर बना दिया है।
वहीं इज़राइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड ने कहा कि हमारा लक्ष्य निजी बाजार को भागीदार बनाना है। 4 अलग-अलग देश होने के बावजूद यह स्पष्ट है कि हम सभी एक ही चीज चाहते हैं जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा शामिल है और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करना है।
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने कहा कि यह देशों के बीच सहयोग का एक बड़ा अवसर है...चुनौतियों के क्षेत्रों में जिनमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और हेल्थ केयर शामिल हैं।
संगठन का मकसद
चार देशों के इस समूह को ‘आई2यू2’ नाम (What Is I2U2) दिया गया है क्योंकि इसमें ‘आई’ भारत (India) और इजराइल (Israel) के लिए और ‘यू’ अमेरिका (US)-यूएई (UAE) के लिए है। 18 अक्टूबर 2021 को चार देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में I2U2 समूह की संकल्पना पेश की गई थी, जिसके बाद इसका गठन हुआ। यह गठबंधन मुख्यत: 6 क्षेत्रों पानी, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा में संयुक्त निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया है। इन क्षेत्रों में निजी पूंजी निवेश के जरिए ढांचागत क्षेत्रों में आधुनिकीकरण, उद्योगों के लिए न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन वाले उपाय, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और नवीनतम एवं प्रदूषण रहित प्रौद्योगिकी के विकास के लिए काम किया जाएगा।