Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

कन्हैया का गला फैक्ट्री में पत्थर काटने वाले कटर रिंग से बनाया था हैवी मेटल का खंजर

  उदयपुर से करीब 20 किमी दूर सापेटिया गांव। शहरी इलाके से लगे होने के कारण यहां कई फैक्ट्रियां चल रही हैं। इन्हीं में से एक है एसके इंजीनि...

Also Read

 


उदयपुर से करीब 20 किमी दूर सापेटिया गांव। शहरी इलाके से लगे होने के कारण यहां कई फैक्ट्रियां चल रही हैं। इन्हीं में से एक है एसके इंजीनियरिंग फैक्ट्री। इस फैक्ट्री में पत्थर काटने के कटर तैयार किए जाते हैं, लेकिन ये सुनकर आपका कलेजा कांप सकता है कि पत्थर काटने वाले इन्हीं हैवी मेटल से 28 जून को उदयपुर में कन्हैयालाल का गला काटा गया।

हत्यारे रियाज मोहम्मद और गौस मोहम्मद ने इसी फैक्ट्री में हथियार क्यों बनाया? पत्थर काटने वाले मेटल से ही खंजर क्यों तैयार किया? इस फैक्ट्री से उनका क्या संबंध है? इन सभी सवालों का जवाब जानने भास्कर की टीम फैक्ट्री पहुंची।

फैक्ट्री में हथियार और वीडियो बनाने की बात सामने आने के बाद पुलिस तैनात कर दी गई है। फैक्ट्री में अब भी वो हैवी मेटल पड़ा है, जिससे हथियार बनाए गए।

वह फैक्ट्री जहां दोनों हत्यारों ने हथियार तैयार किए। फैक्ट्री रियाज के दोस्त की है। बताया जा रहा है कि पत्थर काटने के लिए कटर का रॉ-मटेरियल फैक्ट्री में था।

वह फैक्ट्री जहां दोनों हत्यारों ने हथियार तैयार किए। फैक्ट्री रियाज के दोस्त की है। बताया जा रहा है कि पत्थर काटने के लिए कटर का रॉ-मटेरियल फैक्ट्री में था।

हथियार किसने और इसी फैक्ट्री में क्यों बनाए?
ATS जांच में सामने आया है कि यह फैक्ट्री कन्हैयालाल के दो हत्यारों में से एक रियाज जब्बार के दोस्त शोएब की है। शोएब इस फैक्ट्री में पत्थर काटने वाली मशीनों के औजार और कटर बनाता है। यह बात रियाज अच्छे से जानता था। कन्हैयालाल की हत्या की प्लानिंग करने पर उसने सोच लिया था कि वह गला काटकर उसे मौत देगा, इसलिए वह सीधा इस फैक्ट्री में पहुंचा।

वहीं दूसरा हत्यारा गौस मोहम्मद वेल्डर है और इसी फैक्ट्री में काम करता था। उसे मेटल की अच्छी परख है और मशीनों के लिए हथियार सहित इंडस्ट्री के कई औजार बनाना जानता है। रियाज भी फैक्ट्री में आता-जाता था। काम के दौरान ही गौस मोहम्मद ने इस फैक्ट्री में आकर हथियार तैयार किए।

ATS के मुताबिक अभी इन सवालों का जवाब नहीं मिला है कि जब इस फैक्ट्री में हथियार तैयार हो रहे थे तो क्या शोएब को इस बात की जानकारी नहीं थी या शोएब ने ही फैक्ट्री में हथियार बनाने की मंजूरी दी थी?

अधिकारियों के मुताबिक आगे की जांच में यह बातें सामने आएगी। फैक्ट्री के आस-पड़ोस में मौजूद लोगों ने बताया कि शोएब के एक एक्सीडेंट में दोनों पैर फ्रेक्चर हो गए थे, इसलिए वह यहां कम ही आता था। ATS शोएब से भी पूछताछ करेगी।

हथियार बनाने के लिए कौन सा मेटल और क्यों?
दरअसल, इस फैक्ट्री में पत्थर काटने के लिए विभिन्न मशीनों के जरिए हैवी मेटल की रिंग बनाई जाती है। जब मशीन की मदद से उसे तेजी से घुमाया जाता है तो वह पत्थर काटती है। ATS के अधिकारियों के मुताबिक रिंग बनाने वाले इसी हैवी मेटल से रियाज ने यहां मौजूद मशीनों के जरिए खंजरनुमा हथियार तैयार किए।

ATS जांच में इन्हीं हैवी मेटल से हथियार बनाने के कारणों का भी खुलासा हुआ है। कारण जानकर आप भी अचंभित हो जाएंगे। दरअसल, दोनों हत्यारे चाहते थे कि हथियार इतना खतरनाक हो कि एक वार में ही कन्हैयालाल की गर्दन अलग हो जाए। यह हैवी मेटल कौन सा है, फिलहाल यह पता नहीं चल सका है।

कन्हैयालाल की शॉप के पास बनाई प्लानिंग:500 मीटर दूर मिली गौस मोहम्मद की स्कूटी, 2611 का कनेक्शन भी

पत्थर काटने की मशीन। इसमें ही मेटल की तैयार रिंग पत्थर को काटने के लिए लगाई जाती है। यह बहुत भारी होती है। ऐसे में इसी मेटल का उपयोग रियाज और गौस मोहम्मद ने खंजर बनाने में काम में लिया।

पत्थर काटने की मशीन। इसमें ही मेटल की तैयार रिंग पत्थर को काटने के लिए लगाई जाती है। यह बहुत भारी होती है। ऐसे में इसी मेटल का उपयोग रियाज और गौस मोहम्मद ने खंजर बनाने में काम में लिया।

फैक्ट्री में पहले से कटर बनाने के लिए रॉ-मटेरियल रखा था। इस वजह से भी इन्हीं मैटल से हथियार बनाए गए। गौस मोहम्मद ने कटर रिंग से छुरे का रूप दिया और हथियार तैयार किए। शोएब ने एसके इंजीनियरिंग फैक्ट्री 6 साल पहले ही शुरू की थी। हैवी मेटल से माइंस के लिए मशीनें बनाकर वह राजस्थान से लेकर गुजरात में बेचता है। पड़ोस के लोगों ने बताया कि उसका काम काफी अच्छा चल रहा था। फैक्ट्री में पहुंची तो अंदर हैवी मेटल से बनी पत्थर काटने वाली मशीन के औजार मिले। इसके अलावा कई छोटे-छोटे हैवी मेटल के टुकड़े भी मिले। उन्हें भी हथियार बनाने के लिए काटा गया था। फैक्ट्री में गैस सिलेंडर से लेकर धार देने वाली मशीन भी रखी थी। फैक्ट्री के सामने ही दुकानों में शोएब ने ऑफिस बना रखा था। ऑफिस को किराए पर ले रखा था। रियाज और गौस मोहम्मद ने हथियार बनाने के बाद ऑफिस के अंदर सोफे पर बैठकर वीडियो बनाए थे। हत्या करने के बाद दोनों वापस ऑफिस में आए और एक और वीडियो बनाया। हथियारों को भी पास में ही रखे चारे के अंदर छुपा दिया था।

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) व एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की टीमें गुरुवार सुबह रियाज और गौस मोहम्मद को लेकर फैक्ट्री में पहुंची थीं। दोनों को नकाब पहना रखा था। फैक्ट्री में चार लोग काम करते थे। दोनों को लाने के बाद इन चार लोगों से पूछताछ भी की गई।

इसी चारे में दोनों ने हथियार छिपाए थे। एक सोफा भी बरामद किया गया, जिस पर बैठ वीडियो बनाए गए थे।

इसी चारे में दोनों ने हथियार छिपाए थे। एक सोफा भी बरामद किया गया, जिस पर बैठ वीडियो बनाए गए थे।

अधिकारियों ने ऑफिस से सोफे व हथियार बरामद कर लिए। फैक्ट्री में चौकीदार व आसपास के लोगों से भी पूछताछ की गई। चौकीदार ने बताया कि गौस मोहम्मद फैक्ट्री में आता था।