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आरोपों में उलझी सिवनी के जिला पंचायत सदस्य की जीत

  सिवनी. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सिवनी जिला पंचायत के वार्ड क्र.-1 पर बागरी जाति के प्रत्याशी ब्रजेश सिंह (लल्लू बघेल) की जीत आरोपों...

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सिवनी. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सिवनी जिला पंचायत के वार्ड क्र.-1 पर बागरी जाति के प्रत्याशी ब्रजेश सिंह (लल्लू बघेल) की जीत आरोपों में उलझ गई है । पराजित प्रत्याशी रामप्रसाद डहेरिया ने जिला निर्वाचन अधिकारी को चार जून 2022 को दी गई शिकायत में कहा गया था कि ब्रजेश सिंह बघेल राजपूत हैं उनकी उपजाति बागरी है।वे सामान्य वर्ग से आते हैं।चुनाव लड़ने उन्होंने अनुसूचित जाति का गलत शपथ पत्र दिया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद सात जून 2022 को रिटर्निंग आफिसर ने आपत्ति को आस्वीकार करते हुए ब्रजेश सिंह बघेल के आवेदन को स्वीकार किया है।अनुसूचित जाति सीट से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव ब्रजेश सिंह बघेल जीतने के बाद एक बार फिर मामले ने तूल पकड़ लिया है।

इस मामले की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग तक पहुंची हैं। इस मामले में पराजित प्रत्याशी रामप्रसाद डहेरिया का कहना है कि, एससी वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर सामान्य वर्ग के लोगों द्वारा झूठा शपथ पत्र देकर चुनाव लड़ा गया है। इससे अनुसूचित जाति के अधिकारों का हनन हो रहा है।15 जुलाई को जिला पंचायत सदस्य के परिणामों की अधिकृत घोषणा हो गई है। अब इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। रामप्रसाद डहेरिया ने बताया कि, उन्होंने ब्रजेश सिंह बघेल के साथ वार्ड क्रमांक एक से चुनाव लड़ने वाले बागरी जाति के अन्य प्रत्याशियों के खिलाफ भी आपत्ति दर्ज कराई हैं।

इधर, वार्ड क्रमांक-1 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत चुके ब्रजेश सिंह (लल्लू बघेल) का कहना है कि, उन्होंने अपने आवेदन के साथ अनुसूचित जाति (एससी) का सिजरा जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया है, जिसे रिटर्निंग आफिसर ने स्वीकार किया है। साल 2010 में बड़े पिता तीरथ सिंह बघेल ने अनुसूचित जाति वर्ग के प्रमाण पत्र पर वार्ड क्रमांक-1 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था, जिनसे उनके रक्त संबंध हैं। परिवार के अधिकांश सदस्यों के पास अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र है। ऐसे में वे भी अनुसूचित जाति से आते हैं। राजनैतिक विद्देष के चलते पराजित प्रत्याशी द्वारा उनके खिलाफ झूठी शिकायत की गई है।

आरोपों के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी और रिटर्निंग आफिसर डा. राहुल हरिदास फटिंग से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं किया।