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लगातार बारिश से छत्तीसगढ़ में हर जगह नदी नालों में भरपूर पानी, राज्य के सबसे बड़े बांध गंगरेल डैम में 93% भराव

 *गंगरेल बांध लबालब होने की स्थिति में *93 प्रतिशत जलभराव के चलते 14 गेट खोले गए रायपुर । असल बात न्यूज़।।        00 Good Morning          0...

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 *गंगरेल बांध लबालब होने की स्थिति में

*93 प्रतिशत जलभराव के चलते 14 गेट खोले गए


रायपुर ।

असल बात न्यूज़।। 

     00 Good Morning

        00  मौसम रिपोर्ट   

सावन महीने के शुरुआत से छत्तीसगढ़ में हर जगह अच्छी बारिश हो रही है। कहीं रिमझिम बारिश हो रही है तो कहीं मूसलाधार। आषाढ़ महीने में जो अल्प वर्षा की स्थिति दिख रही थी, वह अब दूर हो गई है। बारिश से राज्य के सभी नदी नालों में भरपूर पानी हो गया है। राजू के सबसे बड़े बांध गंगरेल डैम में जहां पिछले वर्षों में सिर्फ 70% तक जल भराव हो पाता था इस बार अभी से 93% जलभराव हो गया है। इतने अधिक जलभराव के बाद कई बांधों से पानी छोड़ना पड़ रहा है। आज भी कहीं कहीं भारी बारिश की संभावना है।

 राज्य में लगातार हो रही बारिश के चलते रविशंकर सागर जलाशय गंगरेल बांध में 93 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन संभाग रूद्री श्री ए.के. पालड़िया ने बताया कि  दोपहर तीन बजे बांध के 14 गेट खोलकर कुल 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसमें से 7800 क्यूसेक पानी रेडियल गेट के जरिए और 2200 क्यूसेक पानी 10 मेगावॉट बिजली निर्माण हेतु इलेक्ट्रिक बोर्ड के लिए छोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि गंगरेल बांध के कैचमेंट एरिया से 37 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है। धमतरी जिला प्रशासन द्वारा नदी के आसपास के 45 गांवों में पानी छोड़ने संबंधी मुनादी कर सतर्क किया गया है। 

महासमुंद  जिले में बाढ़ से होने वाली जनहानि और धनहानि को रोकने के मकसद से जिला स्तर पर तैयारियां पिछले जून से शुरू हो गई है। मानसून के चलते कल रात को भारी बारिश संभावित अतिवृष्टि, नदी-नालों के उफान तथा बाढ़ की स्थिति निर्मित होने की वजह से लोगों की जान की सुरक्षा के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता एवं तत्काल राहत पहुँचने के निर्देश दिए। 

   आगे भी भारी बारिश की संभावना को देखते हुए कलेक्टर श्री नीलेश कुमार क्षीरसागर ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा है कि नदी-नालों, पुराने पुल-पुलिया आदि को पार करते समय एहतियात बरतें। इसके साथ ही आपदा की जानकारी मिलने पर जिला स्तरीय बाढ़ कन्ट्रोल रूम +91-  07723-223305 में इसकी सूचना दें। यह कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे काम कर रहा है। महासमुंद जिले में चालू मानसून के दौरान विगत एक जून से आज 16 जुलाई तक 377 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकार्ड की गयी है। 

     कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने जन सामान्य से कहा कि वे अपने शहर या गांव में बाढ़ की संभावना और विगत वर्ष में बाढ़ के सबसे उच्च स्तरों को जानें। अपनी बहुमूल्य वस्तुओं और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखें। अपने नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य तथा सहायता केन्द्र की जानकारी रखें। आपातकालीन किट तैयार करें, जिसमें सूखा खाद्य पदार्थ, पेयजल, आवश्यक दवाएं, रेडियों, टॉर्च, जरूरी कागजात, आपात दूरभाष नम्बर सूची, मोमबत्ती, माचिस, रस्सी आदि शामिल हों तथा इन्हें उपयोग हेतु चालू हालत में रखंे। 

   बाढ़ की संभावना को देखते हुए पालतू जानवरों को पहले से ही सुरक्षित तथा ऊंचे स्थानों पर भेज दें या जल स्तरबढ़ रहा हो, तो उन्हें खुला छोड़ दें। बाढ़ की चेतावनी मिलने पर उसका पालन करें, अपने पड़ोसियों को सूचित करें तथा सुरक्षित, ऊंचे स्थानों पर चलें जाएं यदि स्थान छोड़ रहे हैं, तो अपने साथ आपाकालीन किट जरूर ले जाएं। घर छोड़ने से पहले बिजली का मुख्य स्विच, गैस और पानी के नलों को बंद कर दें एवं मित्रों व रिश्तेदारों को अपने प्रस्थान की जानकारी दें। पुलिस और दमकल अधिकारियों के अनुदेशों का पालन करें व उन्हें सहयोग दें, आपकी सुरक्षा उनका ध्येय है। उबाला हुआ या क्लोरीन की टेबलेट से साफ किया हुआ पानी पियें। सांप, विषधर प्राणियों से बचकर रहें, प्रायः बाढ़ के समय सांप के काटने की घटनाएं होती है। नवीनतम जानकारी हेतु स्थानीय मौसम और समाचार रिपोर्टों को सुनें। अपने आसपास वातावरण को साफ एवं स्वच्छ रखें।

    कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ का पानी न पियें और न ही उससे भोजन पकाएं। बाढ़ के पानी के सम्पर्क में आया हुआ खाद्य पदार्थ न खायें। बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र में न जाएं तथा गाड़ी चलाने से बचें। मदद के बिना बाढ़ के पानी में न जाएं, बच्चों को बाढ़ के पानी के पास खेलने ना दें। उन बिजली उपकरणों का प्रयोग न करें, जो बाढ़ के पानी में भीगे हों। अफवाहें न फैलायें और न ही उन पर ध्यान दें।

एक जून 2022 से अब तक राज्य में 412.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 17 जुलाई तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1030.1 मिमी और बलरामपुर जिले में सबसे कम 140.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। प्रदेश में पिछले दस वर्षों के आधार पर अब तक वर्षा का औसत 366.8 मि.मी. है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 157.2 मिमी, सूरजपुर में 226.3 मिमी, जशपुर में 167.9 मिमी, कोरिया में 245.3 मिमी, रायपुर में 279.3 मिमी, बलौदाबाजार में 398.7 मिमी, गरियाबंद में 492.9 मिमी, महासमुंद में 437.9 मिमी, धमतरी में 470.8 मिमी, बिलासपुर में 437.6 मिमी, मुंगेली में 477.0 मिमी, रायगढ़ में 369.0 मिमी, जांजगीर-चांपा में 502.1 मिमी, कोरबा में 318.7 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 435.5 मिमी, दुर्ग में 389.6 मिमी, कबीरधाम में 397.4 मिमी, राजनांदगांव में 456.3 मिमी, बालोद में 539.9 मिमी, बेमेतरा में 308.3 मिमी, बस्तर में 517.5 मिमी, कोण्डागांव में 504.0 मिमी, कांकेर में 566.1 मिमी, नारायणपुर में 415.3 मिमी, दंतेवाड़ा में 464.7 मिमी और सुकमा में 403.7 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।