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पावर हाउस रेलवे स्टेशन की अब वीडियो निगरानी प्रणाली और इंटरनेट प्रोटोकोल सिस्टम से होगी निगरानी

 *भारतीय रेलवे के 756 प्रमुख स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) के काम के लिए एजेंसियों को नियुक्त किया जाएगा।* *दक्षिण पूर्व मध्य ...

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 *भारतीय रेलवे के 756 प्रमुख स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) के काम के लिए एजेंसियों को नियुक्त किया जाएगा।*

*दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 3 स्टेशनों  भाटापारा, भिलाई पावर हाउस तथा तिल्दा को इस परियोजना में शामिल किया गया है।

रायपुर, दुर्ग।

असल बात न्यूज़।। 

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले दुर्ग जिले के भिलाई पावर हाउस रेलवे स्टेशन कि अब वीडियो निगरानी प्रणाली वीएसएस और इंटरनेट प्रोटोकॉल से निगरानी की जाएगी। पावर हाउस रेलवे स्टेशन, एक ऐसा बड़ा स्टेशन है जिससे रेलवे को यात्रियों की आवाजाही से बड़ी कमाई होती है और यहां सुरक्षा सुविधा बढ़ाने के लंबे दिनों से मांग की जा रही है। रेलवे के द्वारा अभी देशभर में 756 प्रमुख स्टेशनों पर इस तरह से निगरानी की व्यवस्था की जा रही है जिसमें पावर हाउस रेलवे स्टेशन को शामिल किया गया है। यह परियोजना, भारतीय रेलवे और रेलटेल के द्वारा निर्भया कोष से कार्यान्वित की जाएगी।


रेलटेल को भारतीय रेल की एक परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य सौंपा गया है, जिसमें रेलवे स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम (वीएसएस) (सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क) की स्थापना का कार्य आरंभ किया गया है और इस कार्य के लिए एजेंसियों को नियुक्त करके एक बड़ा कदम उठाया गया है। यह परियोजना का पहला चरण है जिसमें

 रेल मंत्रालय, यात्रियों की सुरक्षा पर नए सिरे से काम कर रहा है।यात्रियों की सुरक्षा रेल मंत्रालय के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक है। रेलवे स्टेशनों, जो परिवहन के प्रमुख केंद्र हैं, पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए,  भारतीय रेलवे स्टेशनों पर इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) स्थापित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रतीक्षालय, आरक्षण काउंटर, पार्किंग क्षेत्र, मुख्य प्रवेश / निकास, प्लेटफार्म, फुट ओवर ब्रिज, बुकिंग कार्यालय आदि को शामिल किया गया है। यात्रियों की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य की जा रही यह व्यवस्था फिलहाल1, बी एवं सी श्रेणी के 756 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध कराई जा रही है। यह कार्य जनवरी, 2023 तक पूरा किया जाने की  सम्भावना है। शेष स्टेशनों का कार्य फेज़-2 के क्रियान्वयन के समय शामिल किया जाएगा। 

यह वीएसएस सिस्टम आईपी बेस्ड होगा तथा इसमें सीसीटीवी कैमरों का एक नेटवर्क होगा। ये सीसीटीवी कैमरे ऑप्टिकल फाइबर केबल पर काम करेंगे और सीसीटीवी कैमरों की वीडियो फीडिंग न केवल स्थानीय आरपीएफ पोस्टों पर बल्कि मंडल और जोनल स्तर पर सेंट्रलाइज सीसीटीवी कंट्रोल रूम में भी प्रदर्शित की जाएगी। स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरे और वीडियो फीड को इन 3 स्तरों पर मॉनिटर किया जाएगा ताकि रेलवे परिसरों की संरक्षा और सुरक्षा में बढ़ोतरी सुनिश्चित हो सके।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) enabled एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर में एक निश्चित अलार्म और ऑपरेटर से पीओपी UP दृश्य के साथ निम्नलिखित चीजों का आसानी से पता चल सकेगा।

1. घुसपैठ का पता लगाना (रेलवे संचालन क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले लोग)

2. कैमरा से छेड़छाड़

3. Loitering डिटेक्शन

4. मानव और वाहन का पता लगाना

5. विशेषता के आधार पर मनुष्यों की खोज

6. रंग खोज

7. नीचे गिरा हुआ व्यक्ति।

8. संयुक्त खोज (मानव/वाहन और रंग)

स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों से वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग को प्लेबैक, पोस्ट इवेंट विश्लेषण और जांच उद्देश्यों के लिए 30 दिनों के लिए निकटतम आरपीएफ थाने/पोस्ट में संग्रहीत किया जाएगा। अतिरिक्त 10% स्टोरेज (रेलवे की आवश्यकता के अनुसार) का उपयोग करके डेटा सेंटर (240TB स्टोरेज का उपयोग करके) और RPF थाना / पोस्ट पर लंबी अवधि के लिए महत्वपूर्ण वीडियो संग्रहीत किए जाने हैं।

आईटी  के प्रभावी संचालन और प्रबंधन के लिए वीएस उपकरण जैसे कि कैमरा, सर्विस स्टेशन, स्टोरेज, पीसी, वर्क स्टेशन और यूपीएस आदि के निगरानी के लिए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड इंटरप्राइजेज मैनेजमेंट सिस्टम का प्रावधान किया गया है। 

रेलटेल देशभर के रेलवे स्टेशनों पर सार्वजनिक वाईफाई बंद कराकर रेलवे स्टेशनों को डिजिटल हब में परिवर्तित करने के लिए भारतीय रेल के साथ भी कार्य कर रहा है और कुल 6100 स्टेशन रेलटेल के रेलवायर वाईफाई के साथ लाइव है।