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कुछ चट्टानों की कटाई शेष, तब पहुंचा जा सकेगा राहुल तक, राहुल का रेस्क्यू जारी

रायपुर, जांजगीर चांपा। असल बात न्यूज़।।           00  विशेष संवाददाता  मौके से सुबह 8:00 बजे तक  की रिपोर्ट, चौथा दिन   आज की सुबह जरूर कुछ ...

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रायपुर, जांजगीर चांपा।

असल बात न्यूज़।। 

        00  विशेष संवाददाता 

मौके से सुबह 8:00 बजे तक  की रिपोर्ट, चौथा दिन

 आज की सुबह जरूर कुछ निराशा,उदासी से भरी है। मन, तमाम शंका- कुशंकाओं से घिरता जा रहा है। रेस्क्यू कार्य के पूर्ण होने में देरी हो रही है जिसकी वजह से मन व्यथित है। पिहरिद से देर रात तक अच्छी खबर आने की उम्मीद की जा रही थी। उम्मीद थी कि जिस तरह से रेस्क्यू कार्य, तमाम अनुभवी,मेहनती वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति के बीच युद्ध स्तर पर चल रहा है उससे,  बोर के गड्ढे में गिरे बच्चे राहुल को देर रात तक सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा। लेकिन इस खबर का इंतजार करते- करते सुबह हो गई। इंतजार की वजह से आंखों में थकान है। मन के कहीं, एक कोने में डर भी बना हुआ है। कहीं- कहीं से बोर में, तथा आसपास जल स्तर बढ़ने की खबर भी आ रही है जिससे और बेचैनी बढ़ जाती है।इन सबके बीच पूरे प्रदेश में लाखों लोग, बच्चे राहुल के सकुशल बाहर आने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। 

बोर में गड्ढे में गिरे बच्चे राहुल को निकालने में देरी हो रही है इसके पीछे कई वजह हैं। चट्टानों की कटाई के साथ, बचाव कार्य, जबकि कोई बच्चा 60-65 फीट की गहराई में नीचे फंसा हुआ है, कितना जोखिम पूर्ण तथा कठिन होता है यह आसानी से समझा जा सकता है। पूरा बचाव कार्य अत्यंत सावधानी पूर्वक करना पड़ रहा है नहीं तो यह जान के लिए खतरा भी पैदा कर सकता है। जब चट्टानों की कटाई की जा रही है तो उससे कंपन होने तथा पत्थरों के इधर- उधर छिटककर गिरने की भी आशंका बनी हुई है। ऐसे में खतरा तो बना ही हुआ है। ऐसा भी हो सकता है कि जिस स्थान पर चट्टान की कटाई की जा रही है उसके कंपन से भी दूर कहीं भी जमीन, मिट्टी धसक सकती है। दूसरी तरफ चट्टानों की कटाई से भारी धूल उड़ रही। यह धूल एकदम सांस को भर देने वाली है तथा उन परिस्थितियों में वहां सांस लेना अत्याधिक कठिन होता महसूस होता है। ऐसे हालातों के बीच फिलहाल बचाव कार्य जारी है। ताजा खबर के अनुसार अभी कुछ चट्टानों की कटाई शेष है। ड्रिलिंग मशीन से इन चट्टानों को काटा जा रहा है। चट्टानों की कटाई के बाद जो मलबा निकलता है उसे निकालना भी कठिन कार्य है। लेकिन रेस्क्यू कार्य की टीम के 50 से अधिक सदस्य मलबे को बाहर निकालने का काम तुरंत  कर रहे हैं। यह सबको मालूम है कि मलबा वहां जमा हो गया तो और संकट पैदा होता रहेगा।

यह उम्मीद की जा रही है कि निराशा पूर्ण क्षणों के बीच अच्छी खबर  आएगी। राहुल गड्ढे से सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा। कठिनाई पूर्ण कार्यों में कई तरह की दिक्कत आती है समय लगता है इसलिए कहा जा रहा है कि फिलहाल धैर्य रखने की जरूरत है।

अब VLC( विक्टिम लोकेशन कैमरा) को लगाया जाएगा। इस विशेष कैमरे से दीवार या चट्टानों के उस पार से आने वाली आवाजों को आसानी से सुना जा सकता है। 

कैमरे से आवाज सुनकर रेस्कयू को और आसान बनाया जाएगा। एनडीआरएफ के जवान इस VLC कैमरे की जाँच कर आवश्यक तैयारी कर रहे हैं।अब रेस्कयू दल ने अंतिम कार्यवाही सुरंग के भीतर शुरू की है।

बल्ली ले जाकर एक स्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है।

वाइब्रेटर से राहुल जिस बोर के गड्ढे में फंसा है उतनी गहराई याने की लगभग 65 फीट की गहराई के नीचे के पत्थर को छिलने जैसा किया जा रहा है।

एनडीआरएफ सावधानी के साथ यह कार्य कर रही है।